चंडीगढ़, 2 नवंबर (ट्रिन्यू)
मुख्यमंत्री नायब सैनी और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला के बीच छिड़ी जुबानी जंग के बीच भाजपा सुरजेवाला पर हमलावर हो गई है। सिरसा से पूर्व सांसद एवं भाजपा की वरिष्ठ नेता सुनीता दुग्गल ने राज्यसभा सांसद सुरजेवाला पर हमला बोलते हुए निशाना साधा कि कांग्रेस के नेता जिस तरीके से टीका-टिप्पणी कर रहे हैं, यह उनके मानसिक दिवालियापन की निशानी है। लोकतंत्र में लोकमत की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए राजनीतिक दलों ने लोकमत का सम्मान करना चाहिए।
शनिवार को चंडीगढ़ स्थित भाजपा विधायक दल कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में सुनीता दुग्गल ने कहा कि सुरजेवाला 2019 में जींद उपचुनाव न केवल हारे बल्कि तीसरी नंबर रहे और अपनी जमानत भी बड़ी मुश्किल से बचा पाए। इसके बाद 2019 में कैथल से विधानसभा चुनाव हारे। रोचक पहलू तो यह है कि अब वे राज्यसभा सांसद हैं, वे भी दूसरे प्रदेश से, यहां से कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा भी नहीं भेजा।
सुरजेवाला के नायब सैनी को एक्सिडेंटल सीएम बताने पर सुनीता दुग्गल ने कहा कि नायब सैनी 3 बार विधायक बन चुके हैं और एक बार लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं। यही नहीं भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष की कमान भी नायब सैनी संभाल चुके हैं। नायब सैनी ने 2014 में नारायणगढ़ से चुनाव जीता और भाजपा सरकार में मंत्री बने। इसके बाद 2019 में कुरुक्षेत्र से लोकसभा सांसद निर्वाचित हुए। 2024 में उन्होंने करनाल उपचुनाव जीता और मुख्यमंत्री बने। इसके बाद 2024 में लाडवा हलके से चुनाव जीता और विधायक दल ने सर्वसम्मति से उन्हें अपना नेता चुना।
उन्होंने कहा कि नायब सैनी एक्सिडेंटल नहीं, बल्कि जन नेता हैं। उनका एक्सिडेंटल कहना जनता का अपमान है, जनता झारखंड और महाराष्ट्र में इसका बदला लेगी।
‘विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार को पचा नहीं पा रही कांग्रेस’
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता व गुरुग्राम नगर निगम के पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर यशपाल बतरा ने कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार को कांग्रेस पचा नहीं पा रही है। नायब सिंह सैनी एक्सीलेंट (उत्कृष्ट) मुख्यमंत्री हैं।
शनिवार को चंडीगढ़ से जारी एक बयान में यशपाल बतरा ने कहा कि मुख्यमंत्री सैनी अपने कार्यों के माध्यम से प्रदेश के लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरते हैं। उनका नेतृत्व हरियाणा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। बतरा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने लगातार दूसरी बार कार्यभार संभालने से पहले अपना वादा पूरा करते हुए 24 हजार 800 सरकारी नौकरियों के नियुक्ति-पत्र युवाओं को सौंपे। हरियाणा में बिना पर्ची-बिना खर्ची के नौकरियों में शुरू किया गया मिशन मैरिट जारी है और आगे भी रहेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेसियों ने चुनाव प्रचार के दौरान ही पब्लिक प्लेटफार्म पर बयान देकर स्पष्ट कर दिया था कि सत्ता में आने के बाद वे पर्ची-खर्ची के साथ ही सरकारी नौकरियां देंगे। इसी वजह से प्रदेश की जनता ने कांग्रेस को नकार दिया।