दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 23 सितंबर
हरियाणा के शहरी सेक्टरों में स्टिल्ट पार्किंग के साथ चार मंजिला निर्माण में बिल्डर लॉबी चांदी कूट रही है। पड़ोसियों के बीच आपसी झगड़े बढ़ रहे हैं। चार मंजिला निर्माण के बाद साथ लगते मकानों में धूप नहीं आती। इतना ही नहीं, प्रदेश में ऐसे सैकड़ों उदाहरण हैं, जहां चार मंजिला निर्माण की वजह से साथ लगते मकानों में दरारें आ गई हैं। मकानों में नमी आम बात हो गई है। इसी वजह से झगड़े बढ़ रहे हैं।
इससे भी बढ़कर, सेक्टरों में बिजली का लोड बढ़ रहा है। इसके कारण गुरुग्राम के सेक्टर-17 व 29 सहित कई सेक्टरों, पंचकूला, सोनीपत और फरीदाबाद के कई क्षेत्रों में लो-वोल्टेज की वजह से बिजली के उपकरण खराब हो रहे हैं। पेयजल आपूर्ति और सीवरेज व्यवस्था भी आबादी बढ़ने की वजह से गड़बड़ाई है। सरकार ने चार मंजिला निर्माण का फैसला तो ले लिया, लेकिन इससे पहले ढांचागत इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर नहीं दिया।
20-30 साल से पहले बसे सेक्टरों की सीवरेज और पाइप लाइनों का पहले ही दम फूल रहा था। सेक्टरों को विकसित करने के समय प्लॉट पर ढाई मंजिला तक निर्माण की अनुमति थी। उसी हिसाब से बिजली-पानी और सीवरेज जैसी मूलभूत जरूरतों का प्रबंध किया गया। अब एक प्लॉट पर चार मंजिला निर्माण होने की वजह से परिवारों की संख्या बढ़ गई है। वहीं मूलभूत सुविधाओं में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है।
शहरों के लोगों द्वारा इसी वजह से सरकार के इस फैसले का शुरू से ही विरोध किया जा रहा है। प्रदेश के विभिन्न शहरों में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट के रिहायशी सेक्टरों में पहले से सुविधाओं का अभाव है। गुरुग्राम, फरीदाबाद, पंचकूला, सोनीपत और हिसार सहित अधिकांश शहरों में बारिश के दिनों में जलभराव आम बात है। सीवरेज व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो जाती है। वहीं दूसरी ओर, सरकार के इस फैसले से शहरों में जमीनों की कीमत आसमान छू रही है और बिल्डर लॉबी मोटी कमाई कर रही है। सेक्टरों में प्लॉट या मकान लेना आम लोगों की पहुंच से बहुत दूर हो चुका है।
वर्षों से अपग्रेड नहीं हुआ इंफ्रास्ट्रक्चर
इन शर्तों के साथ दी मंजूरी
पहले दी थी तीन मंजिला की मंजूरी
अब ये जारी किए आदेश
जानिए क्या है पूरा मामला
चार मंजिला निर्माण को लेकर जब पूरे प्रदेश में विरोध हुआ, तो सरकार ने इस पर रोक लगा दी। पी. राघवेंद्र राव की अध्यक्षता में एक्सपर्ट कमेटी बनाई गई। कमेटी की सिफारिश पर पॉलिसी में कुछ संशोधन के बाद 2 जुलाई को फिर से चार मंजिला निर्माण की मंजूरी दे दी गई। इस पॉलिसी को गुरुग्राम सिटीजन काउंसिल द्वारा पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। बहस के दौरान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता ने 6 अगस्त को अदालत को आश्वासन दिया था कि सुनवाई की अगली तारीख 22 अगस्त तक पूरे प्रदेश में स्टिल्ट पार्किंग के साथ चार मंजिला बिल्डिंग निर्माण पर रोक रहेगी। साथ ही, 2 जुलाई को जारी पॉलिसी को होल्ड पर रखने की बात कोर्ट में कही गई। सरकार द्वारा 21 अगस्त को इस पूरे मामले पर जवाब दाखिल किया गया। अब टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने आदेश जारी कर 2 जुलाई की पॉलिसी को पुन: लागू कर दिया है।
पूरे प्रदेश में होगा विरोध: वत्स
ऑल सेक्टर रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप वत्स ने कहा कि सेक्टरों में बिना ढांचागत सुविधाओं के विकसित किए स्टिल्ट पार्किंग के साथ चार मंजिला निर्माण का पूरे प्रदेश में विरोध होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसी भी सेक्टर में आधारभूत संरचना इस प्रकार की नहीं है, जिसमें बहुमंजिला बिल्डिंग का निर्माण हो सके। सेक्टरों में पेयजल और सीवरेज व्यवस्था पहले से चरमराई हुई है। पुराने सेक्टरों में यह समस्या और भी विकट है।