रेवाड़ी, 29 जून (हप्र)
घंटा खेल को बढ़ावा देने लिए खेल के संस्थापक प्रदीप डागर एडवोकेट शनिवार को हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन वीपी यादव से मिले और मांग की कि घंटा खेल को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाये।
उन्होंने कहा कि इस खेल को प्राथमिक स्तर से ही अनिवार्य कर दिया जाए ताकि विद्यार्थी खेल के साथ अपनी सभ्यता एवं संस्कृति से परिचित होकर उनका महत्व जाने। प्रदीप डागर ने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षा और नौकरी को ही प्राथमिकता दी जा रही है, खेलों को नहीं। लोगों की नजरों में खेलों का महत्व कम होता जा रहा है। समझने की बात यह है कि खेल न केवल हमें स्वास्थ्य प्रदान करते हैं, बल्कि मन को शांति भी देते हैं। ऐसा ही एक खेल है घंटा खेल, जो शारीरिक एवं मानसिक तंदुरुस्ती के साथ-साथ घंटे, शंख और गीता की महत्ता को खेल के साथ जोड़कर सनातन संस्कृति को संजोए रखने का प्रयास कर रहा है।