ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 5 अगस्त
हरियाणा के गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने डीजीपी मनोज यादव को तुरंत रिलीव करने के आदेश दिए हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी पूछा है कि यूपीएससी को लिखित में देने के बाद भी सरकार ने अभी तक मनोज यादव का रिलीव क्यों नहीं किया है। इसे सरकार की विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा का मामला बताते हुए विज ने तर्क दिया है कि अगर इस तरह से किया गया तो आने वाले दिनों में कोई कानूनी पेंच भी फंस सकता है।
दरअसल, पिछल महीने मनोज यादव ने खुद ही सरकार को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि उन्हें रिलीव किया जाए ताकि वे केंद्र में वापस लौट सकें। यादव मूल रूप से इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी हैं और हरियाणा में डीजीपी पद पर प्रतिनियुक्ति पर आए थे। सरकार ने 18 फरवरी, 2019 को उन्हें दो वर्षों के लिए प्रदेश का पुलिस प्रमुख नियुक्त किया था। 17 फरवरी, 2019 को उनका कार्यकाल पूरा होने से पहले ही 7 जनवरी को उन्हें आगामी आदेशों तक के लिए एक्सटेंशन दी गई।
इस बीच, जब खुद ही मनोज यादव ने रिलीव करने का आग्रह किया तो सरकार ने नये डीजीपी की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की पालना करते हुए सरकार ने सात वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नाम यूपीएससी को भेजे। जवाब में यूपीएससी ने सरकार को पत्र लिखकर पूछा कि मौजूदा डीजीपी को कब तक रिलीव किया जाएगा ताकि उसी हिसाब से यूपीएससी अपनी कार्रवाई करे। इस पर सरकार ने लिखित में जवाब दिया था कि 31 जुलाई तक मौजूदा डीजीपी को रिलीव कर दिया जाएगा।
बड़ी बात यह है कि अभी तक भी यूपीएससी कमेटी की बैठक नहीं हुई है। यूपीएससी के चेयरमैन इस कमेटी के मुखिया हैं। उनके अलावा यूनियन होम सेक्रेटरी, सीआरपीएफ, बीएसएफ या किसी भी सेंट्रल फोर्स के महानिदेशक इसके सदस्य होंगे। प्रदेश के गृह सचिव राजीव अरोड़ा व मौजूदा डीजीपी मनोज यादव भी इस कमेटी के सदस्य हैं। डीजीपी को अभी तक रिलीव नहीं किए जाने को लेकर विज ने गृह सचिव राजीव अरोड़ा को नोट लिखकर इसका जवाब तलब किया है।
गृह सचिव को कहा है कि जब सरकार यूपीएससी को लिखकर दे चुकी है कि मनोज यादव को 31 जुलाई को रिलीव कर दिया जाएगा तो अब उन्हें तुरंत रिलीव करें। यहां बता दें कि मनोज यादव पिछले सप्ताह अवकाश पर थे और सरकार ने उनकी जगह डीजीपी (क्राइम) मोहम्मद अकील को कार्यवाहक डीजीपी बनाया था। विज ने यह भी कहा है कि लिखित में आदेश देने के बाद मनोज यादव को डीजीपी बनाए रखना कानूनन सही नहीं है। माना जा रहा है कि अब यह मामला सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) तक जाएगा।
क्या कहते हैं विज
गृह मंत्री अनिल विज ने कहा,‘हां, मैंने डीजीपी मनोज यादव को रिलीव करने के लिए गृह सचिव को लिखा है। सरकार पहले ही यूपीएससी को लिखकर दे चुकी है कि मनोज यादव को 31 जुलाई तक रिलीव कर दिया जाएगा। ऐसे में अब उन्हें पद पर रखना कानूनन सही नहीं रहेगा। नये डीजीपी के लिए अधिकारियों के नाम यूपीएससी को भेजे जा चुके हैं। यूपीएससी से पैनल आने के बाद नया डीजीपी नियुक्त कर दिया जाएगा।’