समालखा,31 अक्तूबर (निस)
सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने 76 वें वार्षिक निरंकारी संत समागम के समापन सत्र में उपस्थित लाखों मानव परिवार को सम्बोधित करते हुए कहा कि ‘सभी में इस परमात्मा का रूप देखते हुए सबके साथ प्रेम का भाव अपनाने से ही संसार में सुकून स्थापित हो सकता है।’ खास तौर पर निरंकारी भक्तों का आह्वान करते हुए माता सुदीक्षा जी ने कहा कि इस संत समागम से उन्हें जो सुकून एवं अलौकिक आनंद प्राप्त हुआ है उसे संजोकर अपने जीवन में धारण करते हुए हर मानव तक पहुंचायें।
हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने समागम में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया। सतगुरु माता जी ने कहा कि संसार में प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक रूप में जो बहुमुखी विभिन्नता देखने को मिलती है यह इसकी सुंदरता का प्रतीक है। इस सारी रचना का रचयिता एक ही निराकार परमात्मा है और उसी का अक्स, उसी का नूर हर किसी के अंदर समाया हुआ है। इस परम तत्व का जब हम दर्शन कर लेते हैं तब हमारा दृष्टिकोण और विशाल हो जाता है। समागम समिति के समन्वयक जोगिंदर सुखिजा ने सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता जी का धन्यवाद किया। समागम के अंतिम सत्र में ‘सुकून -अंतर्मन का’ इस विषय पर आयोजित बहुभाषी कवि सम्मेलन सभी श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केन्द्र रहा। इस कवि दरबार में देश-विदेश से आये हुए लगभग 25 कवियों ने अपने सुंदर भावों को हिंदी, पंजाबी, उर्दू, नेपाली, मराठी एवं अंग्रेजी भाषाओं में अपनी अपनी कविताओं के माध्यम से प्रस्तुत किया।