चंडीगढ़, 4 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
इंजीनियरिंग की पढ़ाई अब हिंदी पाठ्यक्रम में भी होगी। हरियाणा सरकार ने प्रदेश की तीन टेक्निकल यूनिवर्सिटी में इसी सत्र से क्षेत्रीय भाषा (हिंदी) का विकल्प देने का निर्णय लिया है। सोनीपत स्थित दीनबंधु छोटूराम यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, वाईएमसीए फरीदाबाद और हिसार स्थित गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में इसकी शुरुआत होगी। सिविल, मेकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के कोर्स क्षेत्रीय भाषा में करने का विकल्प विद्यार्थियों के पास रहेगा।
प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री अनिल विज द्वारा यह प्रस्ताव सीएम मनोहर लाल खट्टर को भेजा गया था। सोमवार को सीएम ने इस पर मुहर लगा दी। विज ने कहा कि क्षेत्रीय भाषा के कोर्स को प्रोत्साहित करने के लिए तकनीकी शिक्षा विभाग जल्द ही प्रदेश की प्राइवेट यूनिवर्सिटी व कॉलेजों के साथ भी बैठक करेगी। इन तीनों ही विषयों में प्राइवेट सेक्टर में भी हिंदी पाठ्यक्रम का विकल्प मिल सके, इसके लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा। विज ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे ऐसे सभी उम्मीदवारों की सूची तैयार करें जो जेईई प्रवेश परीक्षा में हिंदी/स्थानीय भाषा में उपस्थित हुए थे। यहां बता दें कि इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश की अंतिम कट ऑफ तिथि 25 अक्तूबर है। क्षेत्रीय भाषा के पाठ्यक्रमों के फैसले के बाद राज्य सरकार एआईसीटीई (अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद) से अनुरोध करेगी कि इन इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश की अंतिम कट ऑफ तिथि 30 नंवबर तक करे।
20 विद्यार्थियों का प्रवेश जरूरी
तकनीकी शिक्षा मंत्री अनिल विज ने बताया कि पाठ्यक्रम हिंदी भाषा में तभी आरंभ किए जाएंगे, जब प्रत्येक पाठ्यक्रम में न्यूनतम 20 विद्यार्थियों को प्रवेश मिल जाएगा। केंद्र सरकार की तर्ज पर राज्य सरकार किसी भी सेवानिवृत्त या सेवारत आईएएस अधिकारी, कुलपति या प्रसिद्ध शिक्षाविद की अध्यक्षता में टॉस्क फोर्स का गठन करेगी। टॉस्क फोर्स में दो सलाहकार और तीन शिक्षा विशेषज्ञ भी होंगे।