पलवल, 29 मई (हप्र)
पलवल के बहुचर्चित मनरेगा घोटाला के मामले में अब पंचायत विभाग के करीब 50 नए नाम शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं। इनमें जिला के कई एसडीओ, जेई और अकाउंटेंट के खिलाफ मुकदमे दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। इससे पहले चार दर्जन नामजद अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए थे। इनमें बीडीपीओ, एबीपीओ व ग्राम सचिव शामिल थे। इससे पहले भी मनरेगा में हुई अनियमितताओं को लेकर हथीन और चांदहट थाना में दो मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। इतनी बडी संख्या में अधिकारियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जाने के साथ ही हड़कंप मच गया है।
बता दें कि जिले के दर्जनों गांवों में मनरेगा के तहत हुए कार्यों में बडा घोटाला निकलकर सामने आ रहा है। इसकी जांच में कई टीमें बीते दो माह से जुटी हुई हैं। रविवार को भी विजिलेंस चंडीगढ़ की कई जांच टीमें पलवल के विश्राम गृह में डेरा डाले रहीं। जिसके चलते हरियाणा सरकार के विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने मनरेगा जांच में पाई गई गड़बड़ियों को लेकर 50 से अधिक बीडीपीओ, एसडीओ, जेई व अकाउंटेंट के नाम पहले से दर्ज मुकदमों में शामिल करने के निर्देश दिए। अतिरिक्त उपायुक्त और जिला विजिलेंस कमेटी चेयरमैन उत्तम सिंह ने शनिवार को एसपी कार्यालय को इसके बारे में सूचना देकर कर्मचारियों व अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा है।
कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने भी उठाई थी आवाज
पलवल जिले में मनरेगा योजना में कोरोना काल के दौरान लगभग 50 करोड़ के महाघोटाले के आरोप लगे थे। एनआईटी फरीदाबाद के कांग्रेस विधायक पंडित नीरज शर्मा ने भी इस घोटाले को पुरजोर तरीके से उठाया था जिसके बाद प्रदेश के पंचायत मंत्री देवेन्द्र बबली ने इस घोटाले की जांच विजिलेंस को भी सौंपी थी।
गरीब मजदूरों के हक को मारकर घोटाला को लेकर चल रही विभिन्न जांचों के बीच बीते माह ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव ने 2020-21 और 2021-22 के अंदर जिले में मनरेगा योजना में हुए फर्जीवाड़े को लेकर संज्ञान लिया था और जांच के आदेश दिए थे। इन आदेशों के बाद हरियाणा विकास एवं पंचायत विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने अतिरिक्त उपायुक्त और जिला विजिलेंस कमेटी के चेयरमैन उत्तम सिंह को इस फर्जीवाड़े की जांच करवाने के आदेश दिए थे।
एसआईटी का भी किया गठन
मनरेगा घोटाले में मुकदमें दर्ज होने के बाद पुलिस द्वारा एसआईटी का भी गठन किया गया है। डीएसपी मुख्यालय अनिल कुमार को एसआईटी का अध्यक्ष बनाया गया। एसआईटी जल्द ही रिकार्ड बरामद करेगी और आरोपियों को गिरफ्तार करने की कार्रवाई की जाएगी।