चंडीगढ़, 29 जनवरी (ट्रिन्यू)
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति का कहना है कि जाट अब भाजपा के बहकावे में नहीं आएंगे। जाटों को आरक्षण के साथ आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमों को खारिज करने के मुद्दे पर धोखा हुआ है। संघर्ष समिति के राष्ट्रीय संयोजक अशोक बल्हारा का कहना है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ जाट समाज की बैठक की खबर पूरी तरह से गलत है। यह भाजपा की बैठक थी और इसमें जाट समाज का कोई भी सदस्य या प्रतिनिधि शामिल नहीं था। शनिवार को चंडीगढ़ में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बल्हारा ने कहा कि जाट समाज सत्ता के दलालों को अच्छी तरह से पहचान चुका है और इस बार उनके बहकावे में नहीं आएगा। बल्हारा ने कहा पिछले चुनाव में भी अमित शाह ने ऐसे ही कथित जाट समाज की मीटिंग बुलवाई थी। इसमें वादा किया गया था की हरियाणा में जाट आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमे वापस होंगे और जाटों को केंद्र ओबीसी का आरक्षण दिया जाएगा। आज तक भी जाटों को केंद्र में आरक्षण नहीं मिला। इस दौरान उत्तर प्रदेश के बलबीर चौधरी, पंजाब के कमल, बलजिंदर, मनजीत सिंह व जसबीर, राजस्थान के अरविंद चौधरी, हरियाणा के धर्मपाल बडाला, कैप्टन वेदप्रकाश, राजकुमार, काशीराम और सतीश चेयरमैन मौजूद रहे।