दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 13 अगस्त
हरियाणा सरकार द्वारा शराब पर लगाया गया कोविड-सैस कानूनी पचड़े में फंस गया है। खट्टर मंत्रिमंडल ने शराब की बिक्री पर यह सैस लगाने का फैसला लिया था। दो अलग-अलग याचिकाओं में इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। अब सरकार ने हाईकोर्ट में जवाब दाखिल करके सफाई दी है कि ‘कोविड-सैस’ केवल नाम है, लेकिन असल में यह एडिशनल एक्साइज ड्यूटी और एडिशनल असेसमेंट फीस है।
कोरोना संक्रमण की वजह से बिगड़े आर्थिक हालातों की वजह से सरकार ने कई स्रोतों से राजस्व बढ़ोतरी का फार्मूला निकाला था। इसी कड़ी में मई के पहले सप्ताह में हुई कैबिनेट बैठक में शराब पर कोविड-सैस लगाने का फैसला लिया। कोरोना संक्रमण की वजह से हुए लॉकडाउन के चलते इस बार पहली अप्रैल से नई एक्साइज पॉलिसी लागू नहीं हो सकी। ऐसे में कैबिनेट ने 6 मई से एक्साइज पॉलिसी को लागू किया, जो अगले वर्ष 5 मई तक लागू रहेगी। ‘कोरोना सैस’ के बहाने सरकार को सालाना 400 करोड़ से अधिक यानी हर माह करीब 35 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी। कोविड-सैस भी डिस्टलरी की बजाय शराब ठेकों पर होने वाली शराब बिक्री पर लगाया गया है। विदेशी, अंग्रेजी के साथ देसी शराब पर यह सैस लगाया है। सूत्रों का कहना है कि हाईकोर्ट में चल रहे केस को लेकर गत दिवस विभाग के आला अधिकारियों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को ब्रीफ भी किया। एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन भी इस दौरान मौजूद रहे। ब्रीफिंग के दौरान बताया गया कि हाईकोर्ट में जवाब दावा फाइल कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि कोविड-सैस केवल नाम दिया है। असल में यह एडिशनल एक्साइज ड्यूटी और असेसमेंट फीस के रूप में ले रहे हैं। दरअसल, गर्ग वाइन एंड अदर्स के अलावा एक अन्य याचिका में कोविड-सैस को चुनौती देते हुए दलील दी गई कि सरकार के पास इस तरह का सैस लगाने के कानूनी अधिकार नहीं हैं।
अब 18 को होनी है सुनवाई
यह भी कहा गया है कि कोविड सैसे नाम इसलिए दिया है क्योंकि इस पैसे का इस्तेमाल कोरोना पर ही होना है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 18 अगस्त की है। 7 अगस्त से पहले जुलाई में भी एक तारीख इस केस में लग चुकी है। सूत्रों का कहना है कि बैठक में सीएम ने अधिकारियों को कहा है कि वे कानून के हिसाब से जवाब दाखिल करें और केस को मजबूती के साथ लड़ें। कोर्ट में बताया जाए कि एक्साइज एक्ट में सरकार के पास इसके अधिकार हैं।
मिली राहत
लॉकडाउन के बाद पूरे प्रदेश में शराब के ठेके खोल दिए गए लेकिन कंटेनमेंट जोन में इन्हें बंद रखा गया। ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स के सामने भी यह मुद्दा रखा गया। सीएम से चर्चा के दौरान तय हुआ कि कंटेनमेंट जोन में बंद रहे शराब ठेकों को लाइसेंस फीस में रिलीफ मिलेगा।
कोविड सैस
विदेशी शराब की बोतल पर 50 रुपए और हॉफ पर 30 रुपए कोविड सैस लगाया था। इसी तरह से इंडियन मेड विदेशी शराब की बोतल पर 20 रुपए, हॉफ पर 10 और पव्वे पर 5 रुपए सैस लगाया है। देसी शराब की बोतल पर 5, अध्धे पर 3 और पव्वे पर 2 रुपए सैस लगा है।