नवीन पांचाल/हप्र
गुरुग्राम, 28 मई
तीन गांवों के लोगों ने हरियाणा ऑर्बिटल रेल काॅरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण का विरोध किया है। ग्रामीणों ने जमीन अधिग्रहण के बदले दिए जा रहे मुआवजे पर आपत्ति जताई है। इनकी मांग है कि कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहण की तर्ज पर इन्हें मुआवजा दिया जाए। तीनों गांवों के लोगों ने अवार्ड पर सहमति जताने से इंकार करते हुए इसका बहिष्कार किया है।
केएमपी के समानांतर ऑर्बिटल रेल काॅरिडोर विकसित करने के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। जिन गांवों की जमीन इस रेल काॅरिडोर के राइट-ऑफ-वे (आरओडब्ल्यू) में आ रही है, उन गांवों के संबंधित लोगों को नोटिस भेजकर अधिग्रहण की सूचना पहले ही जारी कर दी गई थी। इसी क्रम में अब जमीन अधिग्रहण का अवार्ड यानि मुआवजा राशि की घोषणा की जा रही है। गांव बाबडा बांकीपुर, झुंडसराय आबाद, पातली हाजीपुर, सैदपुर मोहम्मदपुर व सुल्तानपुर की भूमि का अवार्ड सुनाया गया। इन गांवों के संबंधित लोगों ने एसडीएम कम एलएसी कार्यालय में अवार्ड राशि पर अपनी सहमति दे दी। इन ग्रामीणों ने मौके पर ही सहमति के हस्ताक्षर भी कर दिए। लेकिन खैंटावास, मुबारिकपुर व झांझरोला के भू-स्वामियों ने अवार्ड की मुआवजा राशि पर ऐतराज जताया है। इनका कहना है कि अवार्ड राशि बेहद कम है जबकि गांव में जमीन का बाजार भाव कई गुणा अधिक है। ग्रामीणों ने साफ शब्दों में कहा कि उचित मुआवजा राशि नहीं मिलने तक ये अपनी जमीन पर कब्जा नहीं लेने देंगे। इन्होंने एसडीएम कम एलएसी कार्यालय में अपना विरोध भी दर्ज करवाया। ग्रामीणों ने कहा कि मुआवजा राशि संतुष्टि पूर्ण नहीं है। केएमपी के लिए अधिग्रहण की गई भूमि के लिए जिस प्रकार एक समान आधार पर मुआवजा राशि दी गई, उसी आधार पर इस परियोजना के तहत अधिग्रहण का मुआवजा एक समान दिया जाए।
पलवल से सोनीपत को जोड़ेगा कॉरिडोर
ऑर्बिटल रेल के जरिये सोनीपत को पलवल से जोड़ा जाएगा। यह विशेष रेलवे लाइन केएमपी एक्सप्रेस-वे के समानांतर बिछाई जाएगी। इस प्रोजेक्ट पर करीब 4100 करोड़ खर्च होंगे और इसका निर्माण हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डवलेपमेंट काॅर्पोरेशन द्वारा करवाया जा रहा है। उक्त रेल काॅरिडोर कई औद्योगिक क्षेत्रों के पास से होकर निकलेगा, इसलिए इसे ‘इकोनोमिक काॅरिडोर’ भी कहा जा रहा है। वर्ष 2019 में घोषित इस प्रोजेक्ट को तीन साल में पूरा किया जाना था लेकिन दो साल कोरोना महामारी के कारण इस पर प्राथमिक कार्य भी शुरू नहीं हो पाया।
एसडीएम बोले
एसडीएम पटौदी प्रदीप कुमार ने कहा कि तीन गांवों के लोगों ने अवार्ड के तहत घोषित मुआवजा राशि पर आपत्ति जताई है। उनकी असहमति को उच्चाधिकारियों के समक्ष रखने का आश्वासन दिया गया है। ग्रामीणों को सलाह दी गई है कि वे रेलवे के लिए उक्त जमीन को छोड़ दें और कर्मचारियों को अपना काम करने दें।’