जींद , 11 नवंबर (हप्र)
जिले की आबोहवा के लगातार जहरीली बने रहने को डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने जिले में बढ़ते प्रदूषण और पर्यावरण पर इसके प्रतिकूल पड़ रहे प्रभाव को देखते हुए सोमवार को लघु सचिवालय के सभागार में फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में संबंधित अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक ली।
बैठक में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि फसल अवशेष जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े और ठोस कदम उठाएं, और अधिक से अधिक समय फील्ड मे ही रहें, ताकि इन घटनाओं को रोका जा सके।
उपायुक्त ने कहा कि लगातार बढ़ रहे एएफएल (एयर क्वालिटी लेवल) के मामले पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा बनते जा रहे हैं, जिससे निपटना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे फील्ड में रहकर पूरी सतर्कता से निगरानी करें, ताकि कोई भी किसान फसल अवशेष जलाने का प्रयास नहीं करे।
डीसी ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में चालू सीजन के दौरान यदि कहीं भी फसल अवशेष जलाने की घटना सामने आती है, तो किसान के साथ-साथ उस क्षेत्र में तैनात संबंधित अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाए।
उपायुक्त ने किसानों से आह्वान किया कि वे फसल अवशेषों पर वैकल्पिक और पर्यावरण अनुकूल विकल्प अपनाएं।
फसल अवशेष जलाने को जीरो पर लाएं अधिकारी
उपायुक्त ने बैठक में मौजूद सभी अधिकारियों से कहा कि वे क्षेत्र में फसल अवशेष जलाने की घटनाओं को शून्य पर लाने के लिए पूरी सक्रियता से काम करें और जिले के पर्यावरण संरक्षण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें।
बैठक में नगराधीश आशीष देशवाल, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप-निदेशक गिरीश नागपाल, जिला राजस्व अधिकारी राजकुमार तथा जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी संदीप भारद्वाज मौजूद रहे।