चंडीगढ़, 2 नवंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार ने राज्य के किसानों का आह्वान किया कि वे धान की कटाई के बाद फसल अवशेषों में आग ना लगाएं। आग लगाने से वायु प्रदूषण फैलता है और मिट्टी के पोषक तत्व भी नष्ट हो जाते हैं।
किसान अवशेषों को मशीनों की सहायता से मिट्टी में मिलाएं। धान अवशेषों को मिट्टी में मिलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी तथा वातावरण को स्वच्छ रखने में सहायता मिलेगी। कृषि विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि सरकार द्वारा हरियाणा पराली प्रोत्साहन योजना 2024-25 के तहत फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए योजना शुरू की गई है।
आवेदन के लिए किसान को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना होगा। योजना के तहत एक हजार रुपए प्रति एकड़ का प्रोत्साहन दिया जाएगा। योजना का लाभ पाने के लिए इच्छुक किसान 30 नवंबर,2024 तक विभागीय पोर्टल एग्री हरियाणा डॉट जीओवी डॉट इन पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
योजना का उद्देश्य किसानों को पराली जलाने से रोकना और उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इससे न केवल पर्यावरण को सुरक्षित किया जाएगा, बल्कि किसानों को फसल अवशेषों का सही तरीके से प्रबंधन करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस योजना के माध्यम से पराली के जलने से होने वाले वायु प्रदूषण को भी कम करने में मदद मिलेगी।