जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 18 फरवरी
आज नगर निगम मेयर शक्ति रानी शर्मा द्वारा आहूत हाउस की पहली बैठक में हरियाणा जनचेतना पार्टी-वी के 8 सदस्यों के अलावा कोई नहीं पहुंचा। हालांकि कुछ दिन पहले 20 में से 15 पार्षदों ने बैठक बुलाने के लिए लिखित पत्र दिया था और उसके बाद भाजपा के 8 पार्षदों ने मीटिंग को असंवैधानिक बताते हुए इसे रद करने की मांग की थी। इंतजार के बाद भी जब अधिकारी या पार्षद मीटिंग के लिए पहुंचे तो मेयर ने कार्रवाई प्रारंभ की। बैठक में सर्वसम्मति से निगम आयुक्त के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। वहीं नगर निगम की ओर से 23 तारीख को हाउस की बैठक बुला ली गई है।
दरअसल इस बैठक और इसमें हुई कार्रवाई को लेकर सवालिया निशान लग गया है, फिलहाल कार्रवाई उचित या अनुचित के भंवरजाल में भंस कर रह गई है। पक्ष और विपक्ष के दावे अलग अलग हैं। बाद में मेयर समर्थक पार्षदों ने निगम में जाकर कार्यकारी अधिकारी से मुलाकात की। ईओ निगम ने मीटिंग 23 फरवरी को होने की बात कह पल्ला झाड़ लिया लेकिन आज की मीटिंग मान्य होगी, इसका ठोस जवाब नहीं दिया। इसके बाद हजपा समर्थक पार्षदों ने कमीश्नर और नगर विधायक असीम गोयल के खिलाफ नारेबाजी की। हजपा पार्षदों ने कहा कि निगम आयुक्त विधायक और सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं लेकिन अब चुना हुआ हाउस है इसलिए पिछले अढ़ाई वर्ष में चलाई गई मनमानी पर लगाम लगानी होगी।
मेयर द्वारा बुलाई गई निगम की पहली बैठक बिना निगम आयुक्त व स्टाफ के ही संपन्न हुई। बैठक में हजपा के जसबीर सिंह, फकीर चंद विक्रम, राजेश मेहता, राजेंद्र कौर, अमनदीप कौर, रानो देवी, सरदूल सिंह व राकेश कुमार मौजूद रहे जबकि कांग्रेस, भाजपा व हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट से कोई पार्षद नहीं पहुंचा। बैठक में वार्ड नंबर 1 पार्षद जसबीर सिंह ने कहा कि निगम अधिकारियों द्वारा इस प्रकार का नकारात्मक प्रयास अम्बाला की जनता के जनादेश का अपमान है। ऐसा करके निगम अधिकारियों ने कर्मचारियों के वेतन और विकास कार्यों में रुकावट डाली है। बैठक में पिछले 3 वर्षों के से चल रहे विकास की समीक्षा का प्रस्ताव पारित किया गया। पार्षदों ने कहा कि शहर के विकास को रोकने के ऐसे गैरकानूनी प्रयासों का वे विरोध करते हैं ।
पहली बैठक बुलाने का अधिकार केवल मंडायुक्त को
निगम पार्षद एडवोकेट मिथुन वर्मा ने बताया कि आज मेयर द्वारा बुलाई बैठक का कोई महत्व ही नहीं है। पहली बैठक बुलाने का अधिकार केवल मंडलायुक्त को ही है जिसका विवरण एक्ट में साफ तौर पर दिया गया है। जिस दिन शपथ ग्रहण करवाया गया वो मंडलायुक्त द्वारा बुलाई गई पहली बैठक नहीं मानी जाती। इसलिए आज वह और उनके साथ बैठक में नहीं गए वैसे भी एजेंडा मेयर का व्यक्तिगत था क्योंकि उस पर आफिस की ओर से कोई नंबर अंकित नहीं था।
यह प्रस्ताव किए पारित
बैठक में सर्वसम्मति से पारित किया गया कि निगम के अफसरों द्वारा जानबूझ के मीटिंग में अनुपस्थिति का कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए और जिम्मेवारी निर्धारित की जाए। एकाउंट्स विभाग को बजट न तैयार करने और न पेश करने के बारे में तथा सम्बंधित अफसरों को अपना कर्तव्य न पालन करने का कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए। सदन के सामने पार्षदों द्वारा मांगे गए 2008 से अब तक के कार्यों का ब्यौरा न देने पर सम्बंधित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जायेगा।