चंडीगढ़, 18 नवंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा में डीएपी खाद की कमी का मुद्दा सोमवार को भी विधानसभा में गरमाया रहा। इनेलो व कांग्रेस विधायकों के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर इस मुद्दे पर सदन में चर्चा हुई। कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने डीएपी के आंकड़ों के साथ सदन में अपना जवाब रखा। विपक्ष जब कृषि मंत्री को घेरने लगा और हमलावर हुआ तो मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मोर्चा संभाला। उन्होंने विपक्ष को करारा जवाब देते हुए दो-टूक कहा, प्रदेश में डीएपी की कमी नहीं है। विपक्ष द्वारा अफवाह फैलाई जा रही है। उन्होंने तर्क दिया कि किसान फसलों की बुआई से पहले ही डीएपी को अपने घर में स्टोर कर लेना चाहते हैं। इसलिए इस तरह की दिक्कत आती है, लेकिन सरकार की ओर से प्रबंधन में किसी तरह की कमी नहीं है। समय रहते प्रबंध किए गए और किसानों को पिछले वर्ष की तुलना में इस बार अधिक डीएपी की आपूर्ति अभी तक की जा चुकी है। विपक्ष ने डीएपी की कालाबाजारी के आरोप भी लगाए।
प्रस्ताव पर डबवाली विधायक आदित्य देवीलाल चौटाला ने कहा कि खाद एजेंसियां मिलीभगत करके डीएपी की कालाबाजारी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि प्लाईवुड इंडस्ट्री में डीएपी का इस्तेमाल होता है, ऐसे में किसानों के हिस्से का डीएपी अधिकारियों व एजेंसियों की मिलीभगत से फैक्टरियों में भेजा जा रहा है। नूंह विधायक आफताब अहमद ने कहा कि मेवात जिला में सरसों व गेहूं की अगेती बुआई होती है। ऐसे में सरकार को वहां समय से पहले डीएपी की आपूर्ति करनी चाहिए। नारनौंद विधायक जस्सी पेटवाड़ और कालांवाली विधायक शीशपाल केहरवाला ने कहा कि उनके एरिया में भी डिमांड के हिसाब से डीएपी की आपूर्ति नहीं की गई। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने खाद संकट पर सरकार को घेरते हुए कहा कि 12 नवंबर के स्टॉक के बारे में मुख्यमंत्री जवाब दें। सीएम ने जब सोमवार के स्टॉक का रिकार्ड सदन में रखा तो हुड्डा ने आपत्ति जताई। जरूरत के समय अगर किसानों को खाद नहीं मिला तो अब स्टॉक करने का क्या औचित्य है।
नारनौंद विधायक जस्सी पेटवाड़ ने उकलाना मंडी में एक किसान द्वारा सुसाइड करने का मामला फिर से उठाया तो भाजपा विधायकों ने इसका विरोध किया। सीएम ने कहा कि इस पर पहले ही चर्चा हो चुकी है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कृषि मंत्री के जवाब में सुसाइड करने वाले किसान का जिक्र है तो इस पर सवाल किया जा सकता है। इस मुद्दे पर काफी कहासुनी हुई। फिर मुख्यमंत्री ने कहा कि डीएपी खाद की कोई कमी नहीं है। राज्य में डीएपी का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। सैनी ने कहा कि प्रदेश में किस पैक्स पर कितनी खाद उपलब्ध है, उसका डेटा भी सरकार के पास है। यदि किसी सदस्य को जानकारी की आवश्यकता होगी, उन्हें यह जानकारी भी उपलब्ध हो जाएगी। उन्होंने कहा कि वे भी किसान के बेटे हैं, खाद की समस्या क्या होती है, ये उन्हें मालूम है। नवंबर के लिए 1 लाख 10 हजार 200 मीट्रिक टन डीएपी का आवंटन हुआ है। सिरसा में पहली अक्तूबर को डीएपी का प्रारंभिक स्टॉक 1063 मीट्रिक टन उपलब्ध था और आज 2217 मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध है।
चार के लाइसेंस सस्पेंड, तीन पर केस
कृषि मंत्री ने कहा कि प्लाईवुड उद्योगों में कृषि-ग्रेड यूरिया की चोरी को नियंत्रित करने के लिए विभाग नियमित छापेमारी करता है। पहली अप्रैल से प्लाईवुड उद्योगों से यूरिया के नौ नमूने लिए गए। चार लाइसेंस निलंबित किए गए हैं। तीन एफआईआर दर्ज की हैं। साथ ही, 150 मीट्रिक टन कृषि ग्रेड यूरिया (एजीयू) जब्त किया है। विभाग द्वारा 185 छापे मारे और 105 एजेंसियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं।
हर मंगलवार को हो रही निगरानी
कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा डीएपी पर पूरी नजर रखी जा रही है। केंद्रीय अधिकारियों द्वारा हर मंगलवार को स्टॉक, आपूर्ति व जरूरत की समीक्षा की जाती है। केंद्र सरकार द्वारा खादों की मौसमवार एवं माहवार आवश्यकताओं का आकलन किया जाता है। केंद्र की ओर से योजना तैयार कर संबंधित राज्य को भेजी जाती है। हरियाणा का कृषि एवं किसान कल्याण विभाग भी प्रतिदिन यूरिया एवं डीएपी एवं अन्य खादों की आवश्यकताओं, आपूर्ति, बिक्री एवं स्टॉक स्थिति की निगरानी करता है।