फरीदाबाद, 19 मई (हप्र)
सनफ्लैग अस्पताल को बैक डोर से निजी हाथों में सौंपे जाने की खबरों के बीच विधायक एन आई टी नीरज शर्मा ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल, स्वास्थ मंत्री अनिल विज, केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार, केंद्रीय श्रम सचिव अपूर्व चंद्रा को पत्र लिख कर इस अस्पताल को निजी हाथों में सौंपे जाने का विरोध किया है। श्री शर्मा ने आज ईएसआई हॉस्पिटल के डीन डॉ असीमदास से मुलाकात कर उन्हें भी यह पत्र सौंपा और मांग रखी कि मजदूरों के इस शहर में सरकार को चाहिए कि निजी अस्पतालों की लूट से बचाने के लिए सरकारी स्वास्थ सेवाओं को प्रोत्साहित करें।
श्री शर्मा ने अपने पत्र में बताया है कि फरीदाबाद शहर में 5.5 लाख ईएसआई के कार्ड धारक हैं जो प्रतिमाह अंशदान देते हैं। उनके लिए बनाए गए अस्पताल को हरियाणा सरकार ने कोविड हॉस्पिटल घोषित कर दिया है। विधायक नीरज शर्मा ने सवाल उठाया है कि ऐसे में जो लोग कोविड से पीडि़त नहीं हैं वो कहां जाएं। उनका इलाज कहां हो। इसके लिए सरकार को चाहिए कि बन्द पड़े सनफ्लैग हॉस्पिटल को तुरंत खुलवाए और वहां शहर की आम जनता के लिए सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल खोले।
कसौटी पर खरे नहीं उतरे निजी अस्पताल
श्री शर्मा ने कहा कि सरकार को तत्काल प्रभाव से सनफ्लैग अस्पताल में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करने की बाबत कार्यवाही करनी चाहिए। नीरज के अनुसार शासन-प्रशासन फरीदाबाद के जिस भी निजी अस्पताल प्रबंधक को सनफ्लैग अस्पताल का भवन लीज पर देगा, उससे जनता को निराशा होगी, क्योंकि निजी अस्पताल कोरोना काल में जनता की कसौटी पर खरे नहीं उतर पाए।
डॉक्टर और स्टाफ पहले ही कर दिया गया है शिफ्ट
सरकार ने पहले ही फरीदाबाद की सभी ईएसआइसी डिस्पेंसरी बंद करके वहां का 38 डाक्टरों सहित 136 का मेडिकल स्टाफ हिसार और पानीपत के कोविड सेंटर में भेज दिया है। यह भी गलत है। इससे बेहतर तो यह होता कि ईएसआइसी के स्टाफ को सनफ्लैग अस्पताल चलाने के लिए दिया जाता तो वहां श्रमिकों के साथ अन्य शहर व गांववासियों का भी इलाज होता।