बाढड़ा, 13 अक्तूबर (निस)
भाजपा सरकार ने चुने गए पंचायत प्रतिनिधियों को पेंशन योजना आरंभ कर सराहनीय कदम उठाया है। मगर 1994 से पहले के चुने गए पंचायत प्रतिनिधियों को शामिल न करके उनके साथ उपेक्षा बरती गई है। उन्होंने भी मौजूदा सरपंचों की तर्ज पर सामाजिक सेवाओं में कार्य किया है। इसीलिए सरकार को अविंलब प्रभाव से हरियाणा के जन्म से अब तक चुने गए सभी भूतपूर्व पंचायत प्रतिनिधियों को सम्मान पेंशन जारी करना चाहिए। यह बात वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पंचायत प्रतिनिधि संघ के पूर्व प्रदेश संयोजक वेदपाल सांगवान ने सीएम को लिखे पत्र में कही।
उन्होंने कहा कि नंबरदारों की तर्ज पर पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों को सम्मान पेंशन योजना में शामिल करना जरूरी था जिसके लिए उन्होंने लंबा आंदोलन भी किया। मगर सरकार ने 6 अगस्त 2019 को जारी पत्र में पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों जिसमें पूर्व सरपंच, पूर्व चेयरमैन, उप चेयरमैन, जिला परिषद, बीडीसी के चेयरमैन व उपचेयरमैन को भविष्य में मासिक सम्मन पेंशन योजना में शामिल किया गया है, लेकिन वर्ष 1994 से पहले चुने गए पंचायत प्रतिनिधियों को इसमें शामिल नहीं किया जो उनके हितों से खिलवाड़ है।