चंडीगढ़, 14 मई (ट्रिन्यू)
हरियाणा में अभी गांवों को उनकी ‘सरकार’ नहीं मिलेगी। ग्रामीणों को अपनी सरकार यानी पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों के लिए अभी कम से कम तीन माह इंतजार करना होगा। पंद्रह अगस्त के बाद ही जिला परिषद, पंचायत समिति व ग्राम पंचायतों के चुनाव संभव होंगे। अभी राज्य चुनाव आयोग ने मतदाता सूचियों के प्रकाशन का काम शुरू किया है।
हालांकि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पंचायत चुनावों पर लगी रोक को हटा चुका है। हाईकोर्ट की ओर से सरकार को चुनाव करवाने की हरी झंडी दी जा चुकी है, लेकिन फिलहाल एकदम पंचायत चुनाव होने संभव नहीं हैं। मतदाता सूचियों में संशोधन का कार्यक्रम 23 मई से शुरू होगा, जो 13 जून तक चलेगा। इसके बाद 15 जून को मतदाता सूचियों का वार्ड और बूथवाइज प्रकाशन होगा। इस सूचियों पर लोगों की आपत्तियां एवं सुझाव आमंत्रित होंगे।
21 जून की शाम चार बजे तक आपत्तियां दर्ज हो सकेंगी। आपत्तियों को दूर करने के बाद 28 जून को मतदाता सूचियों को फाइनल किया जाएगा। इसके बाद पहली जुलाई को जिला उपायुक्त के पास आपत्तियों को लेकर अपील की जा सकेगी। 6 जुलाई तक संबंधित अथॉरिटी को आपत्तियों का निपटारा करना होगा। इसके बाद 22 जुलाई को मतदाता सूचियों का अंतिम और फाइनल प्रकाशन होगा। इसके 20 दिन के बाद पंचायत चुनावों की अधिसूचना जारी की जा सकती है।
ऐसे में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव पंद्रह अगस्त के बाद ही होने के आसार हैं। चुनावों को लेकर पंचायत एवं विकास विभाग ने राज्य चुनाव आयोग को चिट्ठी भेज दी है। इस पर कार्रवाई करते हुए राज्य चुनाव आयोग ने सभी जिला उपायुक्तों सह जिला निर्वाचन अधिकारी को मतदाता सूचियों को संशोधित करने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
पंचायत चुनाव में बनेंगे 22 हजार पोलिंग बूथ
राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह का कहना है कि पंचायत चुनाव में करीब 22 हजार पोलिंग बूथ बनेंगे। लगभग छह साल पहले हुए पंचायत चुनाव में 1.11 करोड़ मतदाताओं ने मतदान किया था। अब यह संख्या बढ़कर करीब सवा करोड़ हो गई है। 14 लाख नये मतदाता जुड़े हैं, जो पहली बार पंचायत चुनाव में मतदान करेंगे। चुनाव प्रचार के लिए खर्च की सीमा बढ़ाई गई है। पंच पद के उम्मीदवार 27 हजार 500 रुपये, सरपंच एक लाख 65 हजार, पंचायत समिति सदस्य तीन लाख 30 हजार और जिला परिषद सदस्य के उम्मीदवार पांच लाख 50 हजार रुपये चुनाव प्रचार पर खर्च कर सकेंगे।