पानीपत, 25 जून (निस)
पानीपत जिला में करीब 75 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में धान की रोपाई की जाती है और अभी तक 10-15 प्रतिशत क्षेत्र में धान की रोपाई हो चुकी है। वहीं धान उत्पादक किसानों को कोरोना महामारी के चलते मजदूरों की कमी और पिछले एक साल में डीजल के बढ़े 21.35 रुपए प्रति लीटर के भाव से भारी परेशानी हो रही है।
पिछले वर्ष धान लगाने वाले मजदूर 2500 से 3000 रुपए प्रति एकड़ की मजदूरी ले रहे थे लेकिन इस बार और ज्यादा मजदूरों की कमी से धान लगाने की प्रति एकड़ मजदूरी 4000 से 4500 रुपए एकड़ चल रही है। वहीं पिछले साल पानीपत जिला में 15 जून 2020 को डीजल का भाव 66.91 रुपए प्रति लीटर था जोकि अब बढ़कर 88.26 रुपए प्रति लीटर हो चुका है। धान रोपाई की मजदूरी व डीजल के रेट बढ़ने से किसानों की धान लगाने की लागत बढ़ गई है।
‘आमदनी की बजाय फसल की लागत हो जाएगी दोगुणा’
भाकियू के जिला प्रधान कुलदीप बलाना ने बताया की मोदी सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दो गुणा करने की बात कही थी लेकिन जिस तरह से पिछले एक साल में डीजल के भाव 21.35 रुपए प्रति लीटर और बीज, खाद व पेस्टीसाइड के भाव बढ़े हैं, उससे धान लगाने की प्रति एकड़ लागत बहुत ज्यादा बढ़ गई है। उन्होंने कहा की सरकार 2022 तक किसानों की आय तो दो गुणा नहीं करेगी लेकिन किसानों की फसलों का लागत मूल्य अवश्य दो गुणा कर देगी।