सोनीपत, 2 नवंबर (हप्र)
रबी सीजन में किसानों को खाद किल्लत से बचाने के लिए कृषि विभाग हरसंभव प्रयास कर रहा है। विभाग ने अब खाद विक्रेताओं की दुकानों पर कृषि अधिकारियों के फोन नंबर अंकित करवाने का फैसला किया है ताकि किसान को अगर खाद लेने में किसी प्रकार की परेशानी हो रही है तो वह तुरंत अधिकारियों से संपर्क कर सके।
बता दें कि रबी सीजन की शुरुआत हो चुकी है। किसान गेहूं, सरसों आदि फसल की बिजाई करने में जुटे हुए है। सरसों और गेहूं की बिजाई के साथ किसान डीएपी खाद का इस्तेमाल करते हैं। सोनीपत जिले में अधिकारियों की माने तो डीएपी और यूरिया खाद की मौजूदा समय में कोई कमी नही है। इसके बावजूद अगर किसी स्थान पर किसानों को खाद विक्रेता खाद की कमी दिखाता है या फिर खाद के साथ कोई अन्य वस्तु जबरदस्ती बेचने का प्रयास करता है तो उसकी शिकायत विभाग तक पहुंच सके, इसके लिए दुकानों पर अधिकारियों के नंबर लिखे जाएंगे।
4-5 नवंबर को लगेंगे खाद के रैक : रबी सीजन के दौरान डीएपी खाद की डिमांड करीब 14 हजार एमटी रहती है। अब तक सोनीपत जिले में 10 हजार 500 एमटी डीएपी खाद पहुंच चुका है। वहीं कृषि विभाग के अनुसार 4 नवंबर व 5 नवंबर को डीएपी खाद के रैक लगेंगे। विभाग द्वारा तैयार की गई रूपरेखा के अनुसार नवम्बर माह के अंतिम दिनों से पहले ही सोनीपत जिले का बचा हुआ 3500 एमटी डीएपी खाद भी पहुंच जाएगा।
करीब 1.50 लाख हेक्टेयर भूमि में उगाया जाता है गेहूं
सोनीपत जिले में रबी सीजन के दौरान सबसे अधिक गेहूं का रकबा रहता है। जिले में किसान औसतन एक लाख 50 हजार हेक्टेयर भूमि में गेहूं की बिजाई करते हैं। इसके अलावा 5 से 6 हजार हेक्टेयर भूमि में सरसों की बिजाई भी की जाती है। किसान करीब 30 हजार हेक्टेयर भूमि में अन्य फसलें व सब्जियां भी उगाते हैं।
सोनीपत जिले में मौजूदा समय में न तो यूरिया और न ही डीएपी खाद की कमी है। सप्ताह भर के अंदर डीएपी खाद के दो रैक भी लगेंगे। किसानों को खाद खरीदने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए कृषि विभाग के अधिकारियों के नंबर प्रत्येक खाद की दुकान पर अंकित कराए जा रहे हैं। किसानों से अपील है कि वे आवश्यकता से अधिक खाद का स्टॉक न करें।
डॉ. पवन शर्मा, कृषि उपनिदेशक, सोनीपत