चंडीगढ़, 12 जून (ट्रिन्यू)
हरियाणा में खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए राज्य सरकार ने विशेष मुहिम छेड़ी है। अच्छे खिलाड़ी तैयार करने के लिए प्रदेशभर में 976 नई खेल नर्सरियां स्थापित करने का फैसला लिया है। खेल विभाग के प्रस्ताव पर सीएम नायब सिंह सैनी ने हरी झंडी दी है। ये खेल नर्सरियां सरकारी व प्राइवेट स्कूलों ही नहीं, ग्राम पंचायतों व विभिन्न इंस्टीट्यूट (संस्थानों) को आवंटित की हैं।
सरकार प्रदेश में शूटिंग, लॉन टेनिस, बास्केटबॉल, बॉक्सिंग, हैंडबॉल, स्विमिंग, हॉकी के अलावा आर्चरी, एथलेटिक्स, सॉफ्टवॉल, वुशू, वेटलिफ्टिंग, जिम्नास्टिक, साइकिलिंग, फैंसिंग सहित विभिन्न खेलों के लिए खिलाड़ियों को सुविधाएं देगी। सरकार की कोशिश है कि शुरूआती स्तर से ही खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं और कोचिंग मिल सके ताकि वे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर सकें।
मुख्यमंत्री नायब सिंह ने बुधवार को इनकी मंजूरी दी। इनमें से 196 खेल नर्सरियां सरकारी स्कूलों को दी गई हैं। 115 खेल नर्सरियां ग्राम पंचायतों को, 278 खेल नर्सरियां निजी संस्थानों और 387 खेल नर्सरियां प्राइवेट स्कूलों को आवंटित की हैं। ये नर्सरियां प्रदेश के सभी जिलों में आवंटित की हैं, जिनमें 28 विभिन्न खेल स्पर्धाओं में खिलाड़ियों को पारंगत बनाया जाएगा।
खेल राज्य मंत्री संजय सिंह ने बुधवार को यहां बताया कि सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए भरपूर प्रयास कर रही है। इसी के तहत प्रदेश में खेल नर्सरी खोलकर खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारा जा रहा है। पंचकूला ने खेलो इंडिया-यूथ गेम्स के सफल आयोजन के बाद हरियाणा में एक नई खेल संस्कृति का उदय हुआ है। खेल विभाग सरकारी व निजी स्कूलों में तो खेल नर्सरी की मंजूरी प्रदान करता आ रहा है अब निजी संस्थान और औद्योगिक घराने भी खेलों को बढ़ावा देने के लिए आगे आ रहे हैं।
खेल नर्सरी योजना के तहत इच्छुक स्कूलों/संस्थानों को खेल नर्सरी के आवंटन के लिए सरकार हर साल आवेदन आमंत्रित करती है। आवेदक के पास बुनियादी आवश्यकता यानानी कोच की उपलब्धता, खिलाड़ियों के लिए अपेक्षित खेल मैदान और अधिकतम 25 खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति की व्यवस्था होनी अनिवार्य है। 2023-24 तक राज्य सरकार ने 1100 खेल नर्सरी आवंटित की थी। 2024-25 से यह संख्या बढ़ाकर 1500 की है। इनमें से लगभग 500 खेल नर्सरी पहले से ही सरकार द्वारा चलाई जा रही हैं।
किस जिले में कितनी नर्सरियां
अंबाला में 16, भिवानी में 50, चरखी दादरी 22, फरीदाबाद 24, फतेहाबाद 35, गुरुग्राम 52, हिसार 83, झज्जर 45, जींद 82, कैथल 32, करनाल 52, कुरुक्षेत्र 46, मेवात 21, महेंद्रगढ़ 47, पलवल 25, पंचकूला 31, पानीपत 29, रेवाड़ी 61, रोहतक 72, सिरसा 34, सोनीपत 79 और यमुनानगर में 33 नर्सरियां हैं।
इन खेलों के लिए होंगी नर्सरियां
प्रदेश में आर्चरी की 14, एथलेटिक्स की 93, बैडमिंटन की 15, बेसबाल की 6, बास्केटबॉल की 47, बॉक्सिंग की 65, कनोइंग की 3, साइकिलिंग की 5, फैंसिंग की 12, फुटबॉल की 70 खेल नर्सरियां आवंटित की गई हैं। इसी तरह से जिम्नास्टिक की 7, हैंडबॉल की 74, हॉकी की 44, जूडो की 18, कबड्डी की 138, कराटे की 7, लॉन टेनिस की 3, रोइंग की 2, शूटिंग की 33, साफ्टबाल की 3, स्विमिंग की 12, टेबल टेनिस की 11, ताइक्वांडो की 15, वालीबॉल की 95, वेटलिफ्टिंग की 149, वुशू की 18 खेल नर्सरियां आवंटित की हैं।