जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 17 अगस्त
कोरोना की बंदिशों के बीच अम्बाला नगर निगम की वार्डबंदी को लेकर सभी राजनीतिक दल काम पर लग गए हैं। फिलहाल 23 तक आपत्तियां दर्ज करवाई जा सकती हैं। सरकार कभी भी निगम चुनाव का ऐलान कर सकती है। चुनाव में मेयर का पद प्रत्यक्ष चुनाव के साथ भरा जाना है जबकि वार्डबंदी के आरक्षण का फैसला भी आपत्तियों के बाद कभी भी हो सकता है। इस बार मेयर का पद महिला के लिए आरक्षित है।
सरकार ने वार्डबंदी का ड्राफ्ट पब्लिश करके सभी राजनीतिक दलों को उनके काम पर लगा दिया है। कोरोना काल में जहां बाकी गतिविधियों पर कहीं न कहीं कुछ पाबंदियां लगी हुई हैं, वहीं अब राजनीतिक दलों में प्रत्येक वार्ड के अलावा मेयर पद के लिए रणनीति पर मंथन होने लगा है। अम्बाला नगर निगम में 20 वार्ड बनाए गए हैं, जिनमें प्रत्येक में कम से कम 13500 और अधिकतम 16500 जनसंख्या पर आधारित हैं।
महिलाओं के लिए 20 में से 7 वार्ड आरक्षित
इस बार नगर निगम के 20 वार्डों में से 5 वार्ड अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित किए गए हैं जबकि बैकवर्ड वर्ग के लिए 2 वार्ड हैं। सामान्य वार्डों की संख्या 13 रहेगी जबकि महिलाओं के लिए 20 में से 7 वार्ड आरक्षित रहेंगे। इनमें से 2 वार्ड अनुसूचित वर्ग की महिलाओं के लिए जबकि 5 वार्ड सामान्य वर्ग से महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे। बैकवर्ड क्लास से कोई वार्ड आरक्षित नहीं रहेगा।
वार्डबंदी को लेकर विपक्ष का विरोध
वार्डबंदी को लेकर विपक्ष काफी विरोध कर रहा है। प्रारूप सामने आने से पहले ही कांग्रेस तो बाकायदा वार्डबंदी के लिए बनाई गई समिति पर ही अपना विरोध व्यक्त करके विपक्ष के प्रतिनिधियों को इसमें शामिल करने की बात कह चुकी है। कांग्रेस के प्रदेश कोषाध्यक्ष रोहित जैन का कहना है कि जिस हिसाब से सत्तापक्ष ने बिना विपक्ष को विश्वास मेें लिए वार्डबंदी की है, उससे उसकी मंशा स्पष्ट हो रही है। हरियाणा डेमोक्रेटिव फ्रंट के नेता हिम्मत सिंह ने कहा कि उन्हें तो सोशल मीडिया के माध्यम से ही वार्डबंदी के प्रारूप का पता चला है, जिसका अध्ययन किया जा रहा है। वहीं, भाजपा के जिला सचिव रितेश गोयल ने वार्डबंदी को एकदम संतुलित है। भाजपा की ओर से किसी प्रकार की कोई आपत्ति दर्ज नहीं करवाई जाएगी।