भिवानी, 13 मई (हप्र)
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जिले के गांव उमरावत में हवन करवाया गया। हवन में प्रत्येक आदमी ने आहूति डाली। ग्रामीण शाम को ट्रैक्टर ट्राली के साथ गांव की प्रत्येक गली से हवन-यज्ञ करते हुए मंदिर में पहुंचे। सभी ग्रामीणों ने अपने-अपने घर से घी लेकर हवन-यज्ञ में आहूति डाली व कोरोना संक्रमण से बचाव की भगवान से प्रार्थना की। सभी ने उचित दूरी का ध्यान रखने, मुंह पर मास्क लगाए रखने, सेनेटाइजर व साबुन का इस्तेमाल करने की भी शपथ ली। सरपंच दिनेश शर्मा, पूर्व सरपंच श्रीभगवान, कृष्ण पुजारी, घनश्याम भान्जा, सोमबीर कौशिक, प्रीतम शर्मा, नवीन शर्मा, कृष्ण, रामकिशोर, प्रवीण, राजेश ने बताया कि हवन-यज्ञ करने से पूरा वातावरण शुद्ध होता है। इस औषधीय धुएं का वातावरण पर असर 30 दिन तक बना रहता है। इस अवसर पर बाबा मुखरामदास गौशाला ट्रैस्ट व बाबा मुखराम दास सेवा समिति के पदाधिकारियों ने भी विशेष सहयोग दिया।
विषाणुओं के नाश के लिए यज्ञ का आयोजन
चरखी दादरी (निस) : जिले के गावं भागवी के ग्रामीणों द्वारा प्राचीन मंदिर परिसर में कोरोना महामारी के विषाणुओं को नष्ट करने तथा प्रभु से समस्त प्राणी जगत को इस विकट परिस्थिति से छुटकारा दिलाने की प्रार्थना करते हुए यज्ञ का आयोजन किया गया। पंडित वेदपाल द्वारा कराएं हवन व यज्ञ के औषधीय गुणों के बारे में ग्रामीणों ने कहा कि यज्ञ हमारी संस्कृति एवं सभ्यता की प्राचीनतम एवं पूर्ण वैज्ञानिक विधि है। प्राचीन समय में अनेक किस्म की महामारियों व अन्य आपदाओं का निवारण ऋषि-मुनि केवल यज्ञ मात्र से कर दिया करते थे। यज्ञ एक पूर्ण वैज्ञानिक पद्धति है। इस अवसर पर सरपंच प्रतिनिधि लोकराम, रणसिह पटवारी कमेटी प्रधान बलबीर, चोकिदार राकेश, कृष्ण कुमार, पूर्व सरपंच भोम सिह, सुन्दर पहलवान, इत्यादि मौजूद रहे।
वातावरण की शुद्धि के लिए हवन-यज्ञ
नारनौंद (निस) : कोरोना को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भय की स्थिति बनी हुई हैं। इसी को लेकर ननारनौंद में ट्रैक्टर ट्रॉली में 51 किलो घी का हवन यज्ञ करवा कर सभी वार्डों में ले जाया गया ताकि पूरे कस्बे का वातावरण शुद्ध हो सके। कस्बे में बृहस्पतिवार को कोरोना को हराने के लिए 51 किलो घी का हवन-यज्ञ किया गया। हवन ट्रैक्टर की ट्रॉली में करवाया गया, यह ट्रैक्टर ट्रॉली कस्बे के सभी वार्डों में व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर ले जाई गई। जैसे-जैसे ट्रॉली लोगों के घरों के बाहर पहुंच रही थी तो लोग हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहे थे। लोगों से यह भी अपील की जा रही थी कि हमें धरती पर ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने हैं।