सोनीपत, 24 अक्तूबर (हप्र)
भ्रूण लिंग जांच के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। अब गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड के लिए पहले मां व बच्चा ट्रेकिंग प्रणाली (एमसीटीएस) का पंजीकरण करवाना होगा। बिना एमसीटीएस पंजीकरण के गर्भवती का किसी भी सरकारी या निजी अस्पताल में अल्ट्रासाउंड नहीं किया जाएगा। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि इससे जहां भ्रूणलिंग जांच पर रोक लगेगी, वहीं स्वास्थ्य विभाग के पास गर्भवती महिला का रिकॉर्ड रह सकेगा।
नागरिक अस्पताल के सिविल सर्जन कार्यालय में बृहस्पतिवार को जिला सलाहकार परिषद की बैठक हुई। जिसमें भ्रूण लिंग जांच के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने पर मंथन किया गया। इस दौरान निर्णय लिया गया कि अब जिले में हर गर्भवती महिला को अपने क्षेत्र की एएनएम व आशा कर्मचारी के पास एमसीटीएस का पंजीकरण करवाना होगा। इसके बिना वह अल्ट्रासाउंड नहीं करवा सकेंगी।
इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने सभी निजी लैब व निजी अस्पतालों को भी निर्देश जारी किए हैं। अधिकारियों ने कहा कि नियमों की अवहेलना करने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
अब तक 563 महिलाओं की हुई डिलीवरी
नागरिक अस्पताल में रोजाना 50 से 60 गर्भवती महिलाएं अपने स्वास्थ्य की जांच कराने के लिए आती हैं। इस साल सितंबर माह तक 563 महिलाओं की डिलिवरी की गई है। नागरिक अस्पताल में मरीजों के लिए अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं है। ऐसे में मरीजों व गर्भवती महिलाओं को निजी अस्पतालों से ही अल्ट्रासाउंड करवाने पड़ते हैं।
”भ्रूण लिंग जांच पर अंकुश लगाने के लिए एमसीटीएस पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। सभी निजी अस्पताल को आदेश दिए हैं कि बिना एमसीटीएस पंजीकरण के किसी का अल्ट्रासाउंड न किया जाए। नियमों की अवहेलना करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस योजना से स्वास्थ्य विभाग के पास सभी गर्भवती महिलाओं का रिकॉर्ड रहेगा।” -जितेंद्र सिंह नोडल अधिकारी, जिला अस्पताल