सोनीपत, 10 नवंबर (हप्र)
सोनीपत सहकारी चीनी मिल प्रशासन द्वारा अपने स्तर पर बॉयलर की टेस्ट प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। जिसके बाद अब चीफ बॉयलर इंस्पेक्टर हरियाणा की टीम मिल में पहुंचकर फाइनल टेस्ट करेगी। इसके लिए मिल प्रशासन द्वारा चंडीगढ़ चीफ इंजीनियर की विजिट के लिए पत्र लिखा गया है। निरीक्षण के बाद अगर बॉयलर पैमानों पर खरा उतरा तो प्रमाण-पत्र जारी करके बॉयलर को शुरू कर दिया जाएगा। मिल अधिकारियों की माने तो चीफ बॉयलर इंस्पेक्टर की टीम जल्द ही मिल में निरीक्षण के लिए पहुंच सकती है।
दरअसल, सोनीपत चीनी मिल में नवंबर माह में पिराई सत्र की शुरुआत होती है। पिराई सत्र से पहले मिल की रिपेयरिंग का काम किया जाता है। इस बार रिपेयरिंग का काम पूरा होने में हालांकि कुछ देर हुई है, लेकिन यह अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। सोनीपत चीनी मिल की पिराई क्षमता 22 हजार क्विंटल प्रतिदिन है। बॉयलर का हाइड्रोलिंग टेस्ट पूरा हो चुका है। इसके अतिरिक्त बॉयलर पूजन की प्रक्रिया भी मिल प्रशासन ने पूरी कर ली है। अब चीफ बॉयलर इंस्पेक्टर से प्रमाण-पत्र की आवश्यकता है जिसके लिए पत्र लिखा गया है।
20 नवंबर के आसपास शुरू हो सकता है पिराई सत्र
सूत्रों की माने तो मिल में रिपेयरिंग के फाइनल टेस्ट अगले कुछ दिनों में शुरू हो सकते हैं। जिसके बाद 20 नवंबर के आसपास पिराई सत्र की शुरुआत हो सकती है। मिल प्रशासन विशेष तौर पर फोकस रहेगा, कि एक बार मिल के शुरू होने के बाद गन्ना पर्याप्त मात्रा में नियमित तौर पर मिल में पहुंच सके। क्योंकि दीपावली व छठ पूजा जैसे त्योहारों के चलते गन्ना उत्पादक किसानों के सामने लेबर की समस्या भी खड़ी हो जाती है। अब दोनों ही त्योहार मनाएं जा चुके हैं, ऐसे में लेबर भी वापस लौटनी शुरू हो गई है। सप्ताह भर बाद तापमान में कमी आने की उम्मीद है, जिससे शुरुआत से ही रिकवरी रेट बेहतर रह सकती है।
िरपेयरिंग का काम अंतिम चरण में
सोनीपत चीनी मिल के चीफ इंजीनियर डीएस पहल के अनुसार रिपेयरिंग का काम अपने अंतिम चरण में है। जल्द ही चीफ बॉयलर इंजीनियर चंडीगढ़ निरीक्षण करने के लिए पहुंचेंगे। प्रमाण-पत्र मिलते ही बॉयलर को शुरू कर दिया जाएगा। मिल प्रशासन जल्द से जल्द पिराई सत्र शुरू करने की कवायद में जुटा हुआ है। हम उम्मीद करते हैं कि मिल अपनी 22 हजार क्विंटल प्रतिदिन की पिराई क्षमता पर काम करेगा।