करनाल, 20 दिसंबर (हप्र)
दशकों से उपेक्षित रही करनाल की कर्ण लेक के मौजूदा इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित कर इसे पर्यटकों के अनुकूल बनाया जाएगा। स्मार्ट सिटी की ओर से इसे लेकर एक मास्टर प्लान तैयार किया गया है। रविवार को लेक पर पर्यटन विभाग के निदेशक आरएस वर्मा व करनाल स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सीईओ निशांत कुमार यादव की वार्ता के बाद प्लान को सिद्धांत रूप में स्वीकृति मिल गई है। मास्टर प्लान को लेकर स्मार्ट सिटी टीम की लैंड स्कैपर पूर्णिमा की ओर से एक प्रेजेंटेशन दी गई, जिसे देखकर दोनों अधिकारियों के बीच काफी देर तक मंथन हुआ। प्रेजेंटशन में दिखाया गया कि कर्ण लेक की 1.26 किलोमीटर पेरिफरी को डेवलप किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार प्लान के तहत हाईवे पर स्थित झिलमिल ढाबे से लेकर लेक को जाने वाले रास्ते को पर्यटकों व आगंतुकों के आने के योग्य बनाकर इसे अच्छे से तैयार करेंगे। कर्ण लेक की पेरिफरी में साइनेज, पाथ-वे, लाइटिंग व साइकिल ट्रैक बनाया जाएगा। झील में वर्षभर पानी मौजूद रहे इसके लिए दो नलकूप लगेंगे, फूड कोर्ट और कैफे बनाए जाएंगे। मौजूदा रेस्टोरेंट के साथ कनेक्टिविटी रखी जाएगी। झील के अंदर मौजूद एक आईलैंड यानि टापू को डेवलप कर वहां स्कल्पचर वॉक बनाएंगे, जिसमें महाभारत जैसे थीम पर मूर्तियां लगाई जाएंगी, जो अपने इतिहास की कहानी स्वयं बखान करेंगी। झील के अंदर ही संगीतमयी फव्वारा लगेगा और किनारे पर व्यू डेक बनाये जाएंगे।
पर्यटन निदेशक ने बताया कि लेक के साथ विभाग की 10 एकड़ जमीन मौजूद है, जिसमें बैंक्वेट हॉल बनाया जाना प्रस्तावित है। इस पर केएससीएल के सीईओ निशांत कुमार यादव ने कहा कि जमीन विभाग की ही रहेगी, लेकिन स्मार्ट सिटी इस पर अशोक स्तंभ जैसी चीजें बनाकर कुछ नया कर सकती है। उन्होंने कहा कि डेवलपमेंट के कार्यों के लिए जिस कंपनी को ठेका देंगे, उसी में रखरखाव की जिम्मेदारी भी रहेगी।
एनओसी के लिए प्रपोजल लैटर पर्यटन विभाग को भेजेंगे : डीसी
उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि अब इसके बाद केएससीएल का एक प्रपोजल लैटर एनओसी के लिए पर्यटन विभाग को भेजेंगे। एनओसी प्राप्त होते ही इस प्रोजेक्ट की डीपीआर बनेगी और फिर इसे धरातल पर लेकर मूर्त रूप दिया जाएगा। इस बैठक में केएससीएल के जीएम रमेश मंढान, कार्यकारी अभियंता सौरभ कुमार, पीएमसी प्रवीण झा तथा अर्बन प्लानर अविनाश सिन्हा भी मौजूद रहेंगे।