सोनीपत, 3 अप्रैल (हप्र)
बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्राइवेट स्कूलों में दाखिला लेने के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। अधिनियम के अंतर्गत कोई भी पात्र बच्चा परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) में दर्शाए गए घर के एक किलोमीटर के दायरे में स्थित किसी भी प्राइवेट स्कूल में दाखिला ले सकता है। अभिभावकों को दाखिला के लिए आवेदन भी स्कूल में जमा कराना होगा। बुधवार को कई प्राइवेट स्कूलों ने आवेदन जमा करने से मना कर दिया। इस पर अभिभावकों ने प्रदर्शन किया और इसकी शिकायत शिक्षा विभाग के अधिकारियों से की। अभिभावकों की मदद के लिए बीईओ कार्यालय में हेल्प डेस्क बनाया गया है।
बुधवार को छात्र अभिभावक संघ की अध्यक्ष प्रवेश कुमारी के साथ कुछ अभिभावक जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे। प्रवेश कुमारी ने बताया कि आरटीई के अंतर्गत गरीब बच्चे भी प्राइवेट स्कूलों में दाखिले ले सकते हैं। इसकी आवेदन प्रक्रिया चल रही है, लेकिन प्राइवेट स्कूल आवेदन तक जमा नहीं कर रहे। कुछ अभिभावकों ने संघ के पास शिकायतें की है। उन्होंने अधिकारियों से आरटीई और चिराग योजना के अंतर्गत प्राइवेट स्कूलों में गरीब बच्चों के दाखिले कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जब सरकार ने आरटीई और चिराग योजना शुरू की है तो प्राइवेट स्कूलों को योजना का लाभ विद्यार्थियों को देना चाहिए, लेकिन प्राइवेट स्कूल दाखिले देने में आनाकानी करते हैं। अभिभावकों के बार-बार चक्कर लगवाते हैं। कई स्कूल तो फार्म तक जमा नहीं करते। इसलिए अभिभावकों की समस्या का समाधान कराया जाए। इस अवसर पर प्रीति, दीपक, नेहा, राधा, खुशबू, काजल, हीना देवी, पिंकी देवी, समता, ज्योति, ललिता, ममता, सुमन देवी, तनुजा आदि भी मौजूद रही।
”आरटीई के अंतर्गत प्राइवेट स्कूल में दाखिला लेने के लिए 15 अप्रैल तक आवेदन कर सकते हैं। बच्चा अपने घर के एक किलोमीटर दायरे के किसी भी प्राइवेट स्कूल में दाखिला ले सकता है। उसे स्कूल में ऑनलाइन आवेदन के साथ-साथ स्कूल में ऑफलाइन भी आवेदन जमा कराना होगा। यदि कोई स्कूल आवेदन जमा नहीं करता है तो बच्चा या अभिभावक लिखित शिकायत दे सकता है। उस पर विभाग द्वारा कार्रवाई की जाएगी।”
-जितेंद्र छिक्कारा, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, सोनीपत
शिकायतों के समाधान के लिए कमेटी गठित हेल्प डेस्क भी बनाया
प्रत्येक वर्ष आरटीई के अंतर्गत प्राइवेट स्कूलों में दाखिला कराने के लिए अभिभावकों को काफी समस्या झेलनी पड़ती है। प्राइवेट स्कूल आरटीई के अंतर्गत दाखिले करने में रूचि नहीं दिखाते। अभिभावक कभी स्कूल तो कभी अधिकारियों के पास चक्कर लगाते हैं। विभाग ने इस वर्ष अभिभावकों की समस्या का समाधान करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। इसके साथ ही बीईओ कार्यालय में हेल्प डेस्क भी बनाया गया है। अधिकारी का कहना है कि अभिभावक हेल्प डेस्क से आवेदन करने से संबंधित जानकारी प्राप्त करते हैं, लेकिन आवेदन उन्हें स्वयं ही स्कूल में जमा कराना होगा। यदि कोई स्कूल आवेदन जमा करने में आनाकानी करता है तो उसकी लिखित शिकायत देनी होगी। जिस पर कमेटी जांच करेगी और अभिभावकों की समस्या का समाधान कराएगी।