गुरुग्राम, 6 जनवरी (हप्र)
बर्ड फ्लू की दस्तक के बाद सुल्तानपुर नेशनल बर्ड सेंचुरी में सुरक्षा व्यवस्था चौकस कर दी गई है। सेंचुरी के स्टाफ को पक्षियों पर बारीकी से निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही टीमों को नियमित गश्त करने के लिए भी कहा गया है। फिलहाल यहां बड़ी संख्या में विदेशी पक्षी डेरा जमाए हुए हैं।
कोरोना काल शुरू होने के साथ ही वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट ने सेंचुरी को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया था लेकिन यहां विदेशी परिंदों का आना जारी है। इसके बावजूद एहतियात के तौर पर सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है। किसी बाहरी व्यक्ति को सेंचुरी परिसर में घुसने की अनुमति नहीं है। पक्षियों पर नजर रखने के लिए वाइल्ड लाइफ विभाग के अधिकारी, वेटनरी सर्जन व गार्ड लगातार अलग-अलग झीलों में गश्त कर रहे हैं। झील के आसपास सभी मुर्गी फार्म के संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि फार्म के चारों ओर चूना डालें। फिलहाल किसी भी झील में बर्ड फ्लू के लक्षण किसी भी पक्षी में दिखाई नहीं दिए हैं। लेकिन विभागीय तौर पर पक्षियों की जांच की जा रही है।
पशुपालन विभाग ने कमर कसी
नूंह/मेवात (निस) : बर्ड फ्लू के खतरे से निपटने के लिए जिला पशुपालन विभाग ने सैम्पलिंग लेने का कार्य शुरू कर दिया है। जिला के फिरोजपुर झिरका उपमंडल से इसकी शुरुआत के बाद अब नूंह, तावड़ू, पुन्हाना आदि में भी इस अभियान को गति दी जाएगी। हांलाकि, पशुपाल विभाग का दावा है कि जिला में बर्ड फ्लू का कोई प्रकोप देखने को नहीं मिल रहा है, लेकिन पूरी सावधानी बरती जा रही है। पशुपालन विभाग के उप निदेशक डा नरेन्द्र यादव ने बुधवार सायं कहा कि जिला मे इस बीमारी का दूर-दूर तक कोई प्रकोप देखने को नहीं मिला है लेकिन एहतियात के तौर सैम्पलिंग लेने का कार्य किया जा रहा है।
मानीटरिंग कर रही है डॉक्टरों की टीम
सर्दी का मौसम आरंभ होते ही झील पर विदेशी पक्षियों का आगमन शुरू हो जाता है। फिलहाल भी बड़ी संख्या में यहां विदेशी पक्षी अपने आशियाने बनाकर रह रहे हैं। ये फरवरी के अंत या 15 मार्च में अपने वतन वापस लौटने लग जाते हैं। विदेशी पक्षी अपने साथ किसी प्रकार का रोग तो नहीं लेकर आए हैं, उसकी जांच के लिए पक्षियों की बीट व खून के नमूने लिए जाते हैं। हिमाचल प्रदेश की झील में पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद से यहां डॉक्टरों की टीम द्वारा मानीटरिंग की जा रही है।