जींद, 11 दिसंबर (हप्र)
जींद नगर परिषद में विधायक डॉ कृष्ण मिड्ढा के विकास कार्यों में हस्तक्षेप कर अपने गुट के 12 पार्षदों के ही विकास कार्य करवाने और चेयरपर्सन गुट के 19 पार्षदों के विकास कार्य रुकवाने का मामला तूल पकड़ गया है। इसके विरोध में चेयरपर्सन गुट के 19 पार्षदों ने सोमवार से नगर परिषद कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। इसी बीच विधायक ने धरने पर बैठे पार्षदों को लेकर कहा कि यह पार्षद केवल राजनीति चमकाने के लिए धरना दे रहे हैं। इनमें कुछ पार्षद कांग्रेसी सोच के हैं, जबकि सच्चाई यह है कि धरने पर बैठे कई पार्षद सीधे-सीधे भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए हैं। 31 वार्डों वाली जींद नगर परिषद की चेयरपर्सन भाजपा की डॉ. अनुराधा सैनी हैं। डॉ. अनुराधा सैनी के ससुर डॉ. राज सैनी भाजपा के जिला महामंत्री हैं। उप प्रधान के चुनाव में विधायक डॉ कृष्ण मिड्ढा और चेयरपर्सन डॉ. अनुराधा सैनी के बीच खटास पैदा हुई थी। इसमें विधायक डॉ कृष्ण मिड्ढा जिसे उप प्रधान बनाना चाहते थे, उस पर चेयरपर्सन और उनके समर्थक 19 पार्षद सहमत नहीं थे। भाजपा का भी एक बड़ा खेमा विधायक के उप प्रधान पद के प्रत्याशी के विरोध में था। इस कारण चेयरपर्सन गुट के 19 पार्षदों ने सर्वसम्मति से उप प्रधान पद पर अर्चना शर्मा को चुना था। विधायक गुट के पार्षद उप प्रधान के चुनाव को लेकर हुई बैठक में नहीं पहुंचे थे। यह विधायक की हार थी और यहीं से चेयरपर्सन और विधायक के बीच नगर परिषद में टकराव की राजनीति शुरू हुई थी।
विधायक ने कहा-धरना देने वाले कांग्रेसी सोच के पार्षद
दूसरी तरफ विधायक डॉ कृष्ण मिड्ढा ने कहा कि नगर परिषद कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे पार्षद केवल राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि धरने पर बैठे पार्षद कांग्रेसी सोच का शिकार हैं। पिछले दिनों इनमें से कुछ पार्षद पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा से मिले थे। यही पार्षद विकास कार्यों में रोड़ा अटकाने हटाने के लिए धरना दे रहे हैं। विधायक ने कहा कि नगर परिषद में समान रूप से विकास कार्य करवाए जा रहे हैं।
विधायक पर विकास कार्यों में भेदभाव का आरोप
जींद नगर परिषद चेयरपर्सन डॉ अनुराधा सैनी के गुट के 19 पार्षद अब नगर परिषद के कामकाज में विधायक डॉ कृष्ण मिड्ढा के हस्तक्षेप के विरोध में आंदोलन के रास्ते पर चल पड़े हैं। इन 19 पार्षदों ने सोमवार से नगर परिषद कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। धरने पर बैठे पार्षद हरीश अरोड़ा, सियाराम गोयल, राकेश चुघ, महावीर रेढू, सतपाल कुंडू, सुनील विकी, संजय वत्स, संतोष श्योराण, राजकुमार कश्यप, सतीश हरियाणवी ने कहा कि विधायक डॉ कृष्ण मिड्ढा नगर परिषद में विकास कार्यों में अनुचित हस्तक्षेप कर रहे हैं। विधायक को नगर परिषद के 31 पार्षदों की जगह अपने गुट के केवल 12 पार्षद नजर आ रहे हैं। अब नगर परिषद ने वार्डों में स्ट्रीट लाइट लगाने का जो टेंडर जारी किया है, उसमें विधायक गुट के पार्षदों के वार्ड में 100-100 लाइट मंजूर की गई हैं, जबकि चेयरपर्सन गुट के पार्षदों के वार्डों में केवल 20-20 लाइट दी गई हैं। यही नहीं, चेयरपर्सन गुट के पार्षदों के काम जब अधिकारियों के पास जाते हैं तो विधायक के इशारे पर अधिकारी कार्यों में कोई न कोई कमी निकाल कर विकास कार्य रोक देते हैं। विधायक गुट के पार्षदों के विकास कार्य तुरंत मंजूर कर दिए जाते हैं। इस तरह का भेदभाव सहन नहीं होगा। जब तक नगर परिषद में विधायक का अनुचित हस्तक्षेप बंद नहीं होता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। हकीकत ये है कि धरने पर बैठे वार्ड 11 के पार्षद हरीश अरोड़ा जजपा से हैं। वार्ड 26 के पार्षद सियाराम गोयल, वार्ड 12 के पार्षद राकेश चुघ, पार्षद सतीश हरियाणवी भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए हैं।