रामकुमार तुसीर/निस
सफीदों, 7 जुलाई
उत्तर रेलवे की रोहतक-पानीपत-जींद शाखा पर पिछले कुछ दिनों से किराया घटने के बाद यात्रियों की संख्या में तो बढ़ोतरी दर्ज हुई है लेकिन सुविधाओं का टोटा यूं ही है। दर्जन से भी अधिक स्टेशनों पर रेल टिकट उपलब्ध नहीं हैं। इतने ही स्टेशन ऐसे हैं जिन पर बारिश, धूप आदि से बचाव की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। यात्रियों के लिए शेल्टर नहीं हैं। पीने के पानी की व्यवस्था भी नहीं। कई स्टेशनों पर पुराने जर्जर भवन हैं जिनकी मरम्मत कहीं कागजों में भले ही हो रही हो, हकीकत में इनमें विभाग का कोई अधिकारी नहीं झांकता।
ज्यादातर हाल्ट स्टेशनों (ठेका प्रणाली के स्टेशनों) पर टिकट उपलब्ध नहीं हैं। इसका कारण यह है कि टिकट बिक्री ठेकेदार काम छोड़ चुके हैं। ऐसे स्टेशन रात में अंधेरे में डूबे रहते हैं और नशेड़ियों की पनाहगाह बनें इन स्टेशनों पर रेल की संपत्ति का भी निरन्तर नुकसान हो रहा है। कई स्टेशन भवनों के खिड़की, दरवाजे लोग उतारकर ले गए। सफीदों के निकटवर्ती, 1962 ने बने सिल्लाखेड़ी हाॅल्ट का उसी साल ग्रामीणों द्वारा बनाया स्टेशन भवन खंडहर हो चुका है। कभी कभी रेल विभाग ने इसकी छिटपुट मरम्मत ही की और अब तो वह भी नहीं। निरन्तर प्रयासों के बावजूद रेल विभाग को इस रेलशाखा के अनेक हाॅल्ट रेलवे स्टेशनों के लिए टिकट बिक्री ठेकेदार सुलभ नहीं हो रहे हैं। पूर्व में काम कर रहे ठेकेदारों ने काम कई वर्ष से बंद किया हुआ है और इन स्टेशनों से यात्री बेटिकट यात्रा करने को विवश हैं, यह अलग बात है कि कुछ यात्रियों के पास बेटिकट सफर करने का एक अच्छा बहाना भी है।
पहले काम कर चुके ठेकेदारों का कहना है कि टिकटों की बिक्री पर रेल विभाग की तरफ से उनके लिए जो भुगतान निर्धारित है वह दिहाड़ीदार मजदूर की मजदूरी के चौथे हिस्से से भी कम है। ऐसे में कोई कैसे काम करे। इस शाखा पर पानीपत व जींद के बीच करसिन्धु हाॅल्ट पिछले कई सालों से बंद है। सिल्लाखेड़ी पर अब टिकटें मिलनी शुरू हुई हैं लेकिन भवन जर्जर है और पेयजल उपलब्ध नहीं। विभाग इसके प्लेटफॉर्म पर पानी की टंकी बनाकर भूल गया, पानी नहीं दिया। नारा, सिवाहा, बराह व बुढ़ाखेड़ा में सुविधाएं नदारद हैं।
पानीपत व रोहतक के बीच केवल बिंझौल हाॅल्ट पर टिकटें उपलब्ध हैं वहां भी विभाग ने टिकट बिक्री को छोटा-सा छप्पर बनाया हुआ है। प्लेटफॉर्म पर बनाये दो शेड क्षतविक्षत हैं।
ठेकेदार नरेश ने बताया कि बारिश व तेज धूप में यात्रियों को भारी परेशानी होती है। हाॅल्ट स्टेशनों रुक्खी, जसिया, मकड़ौली पर न टिकट उपलब्ध हैं और भवन व पेयजल की सुविधाओं की स्थिति दयनीय है।
दैनिक यात्री संघ के प्रधान सतबीर पांचाल का कहना है कि पंजाब के इलाकों व दिल्ली के बीच वाया जींद, पानीपत दो मेल गाड़ियां चला दी जाएं तो विभाग का राजस्व बढ़ेगा और यात्रियों को निकट सुविधा मिलेगी जिसके लिए उन्हें जींद या पानीपत जाना पड़ता है।
‘प्रयास जारी, शीघ्र तैनात होंगे ठेकेदार’
नाम न छापने की शर्त पर रेल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सभी स्टेशनों पर टिकट उपलब्ध हों, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं और सभी हाॅल्ट स्टेशनों पर ठेकेदार शीघ्र तैनात होंगे।