ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 14 अगस्त
राज्यसभा की 12 रिक्त सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। इसके लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है। 21 अगस्त तक नामांकन-पत्र जमा हो सकेंगे। रिक्त हुई 12 राज्यसभा सीटों में से 11 पर भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए और एक सीट पर कांग्रेस को उम्मीदवार तय करना है। चुनाव आयोग के मुताबिक दो-दो सीटें महाराष्ट्र, बिहार और असम की, जबकि एक-एक सीटें मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, राजस्थान, हरियाणा, तेलंगाना और ओडिशा की है।
हरियाणा में पहले दिन कोई आवेदन जमा नहीं हुआ। अभी तक किसी भी राजनीतिक दल ने अपने प्रत्याशी का फैसला नहीं किया है। नामांकन-पत्रों की जांच 22 अगस्त को होगी और 27 अगस्त को नामांकन वापसी की आखिरी तारीख होगी। अगर जरूरी हुआ तो 3 सितंबर को मतदान होगा।
हरियाणा में उपचुनाव के लिए मतदान की नौबत आने की कम ही गुंजाइश है। ऐसा इसलिए क्योंकि सत्तारूढ़ भाजपा के प्रत्याशी के मुकाबले प्रमुख विपक्षी दल – कांग्रेस अपना उम्मीदवार देने की हिम्मत नहीं जुटाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस के पास उपचुनाव के लिए पर्याप्त संख्याबल नहीं है। नब्बे सदस्यों वाली विधानसभा में वर्तमान में 87 विधायक हैं। रानियां से निर्दलीय विधायक रहे रणजीत सिंह इस्तीफा दे चुके हैं।
मुलाना से कांग्रेस विधायक रहे वरुण चौधरी ने अंबाला पार्लियामेंट से चुनाव जीतने के बाद इस्तीफा दे दिया था। वहीं बादहशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद के निधन के बाद से यह सीट भी रिक्त है। तोशाम से कांग्रेस विधायक किरण चौधरी भाजपा में शामिल हो चुकी हैं, लेकिन उन्होंने अभी तक विधानसभा की सदस्यता नहीं छोड़ी हैं। तकनीकी रूप से और विधानसभा रिकार्ड के हिसाब से वे कांग्रेस की ही विधायक हैं।
भाजपा के पास खुद के 41 विधायक हैं। जजपा के दो विधायकों – रामनिवास सुरजाखेड़ा व जोगीराम सिहाग का सरकार को खुला समर्थन है। सिरसा से हलोपा विधायक गोपाल कांडा व पृथला से निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत सरकार को समर्थन दे रहे हैं। ऐसे में भाजपा के पास 45 विधायकों का आंकड़ा है। भाजपा में शामिल हो चुकी तोशाम से कांग्रेस विधायक किरण चौधरी भी राज्यसभा में वोटिंग की नौबत आई तो भाजपा के साथ ही होंगी। वहीं कांग्रेस के पास खुद के 28 विधायक हैं। पर्याप्त संख्याबल नहीं होने की वजह से कांग्रेस पहले ही खुद को उपचुनाव से दूर कर चुकी है।