समालखा, 8 सितंबर (निस)
खंड के आट्टा गांव के आर्य समाज मंदिर में रविवार को राष्ट्र की एकता-अखंडता, खुशहाली व सामाजिक समरसता के लिए राष्ट्र भ्रातृ यज्ञ समारोह का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता आर्य समाज आट्टा के प्रधान डॉक्टर नायब सिंह आर्य ने की। यज्ञ के ब्रह्मा आचार्य सुश्रुत रहे।
राष्ट्रीय भ्रातृ यज्ञ समारोह के संयोजक एवं वैचारिक क्रांति के राष्ट्रीय कवि ऋषिपाल भदाना निवासी सोनीपत के साथ डॉक्टर नायब सिंह आर्य, मंत्री अशोक आर्य, नरेश आर्य, सत्यनारायण आर्य, ओमप्रकाश आर्य, मास्टर रमेश आर्य व संदीप आर्य सहित राष्ट्र भ्रातृ यज्ञ में सैकड़ों लोगों ने आहुतियां देकर राष्ट्र के प्रति सच्चे प्रेम करने वाले महापुरुषों एवं शहीदों को नमन किया।
इस अवसर पर राष्ट्र की उन्नति एवं खुशहाली के लिए पौधारोपण भी किया गया तथा 22 समाज सेवकों को उनकी सामाजिक सेवाओं के लिए सम्मानित भी किया गया।
वैचारिक क्रांति के राष्ट्रीय कवि ऋषि पाल भदाना ने उपस्थित लोगो को सम्बोधित करते हुए कहा कि महर्षि दयानंद के अनुसार संसार में जितने भी श्रेष्ठ कार्य हैं वे यज्ञ कहलाते हैं इसलिए उन्होंने अपने जीवन के कार्यकाल के समय श्रेष्ठ कार्यों पर बल दिया। जिसमें ब्रह्म यज्ञ, देव यज्ञ, पितृ यज्ञ, बलीईश्वर यज्ञ और अतिथि यज्ञ थे,इसी तरह हमारे देशवासियों को श्रेष्ठ कार्य करके उनके विचारों व आदर्शो को अपनी दिनचर्या में अपना कर उनको सच्ची श्रद्धांजलि देनी चाहिए।
ऋषि पाल भदाना ने अपनी देशभक्ति एवं सामाजिक कविताओं के माध्यम से उपस्थित जनों को भारतीय संस्कृति से रूबरू कराया और जनसंदेश देते हुए कहा कि ‘मौत निश्चित है पर कायर की मौत ना मरो,’ आजादी मिलती है त्याग बलिदान से इसके लिए अपने आप को परिपूर्ण रूप से तैयार करो और दुनिया पूजे इस भारत की मिट्टी को आज ऐसी मिलकर हुंकार भरो।’ इस अवसर पर आर्य समाज प्रधान डॉ. नायब सिंह आर्य ने मुख्य अतिथि ऋषि पाल भदाना का स्वागत व उपस्थित जनों का धन्यवाद किया।