गुरुग्राम, 14 अगस्त (हप्र)
पंचायत विभाग ने 1994 से 2016 तक गांवों के सरपंचों का रिकार्ड खंगालना शुरू कर दिया है। इनका ब्यौरा सरकार को भेजा जाएगा ताकि इन्हें पेंशन योजना में शामिल किया सके। हाल ही में प्रदेश सरकार ने पूर्व सरपंचों को पेंशन योजना में शामिल करने की घोषणा की थी।
घोषणा के अनुसार अब सरपंचों को पेंशन योजना से जोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पंचायत विभाग ने 1994 से 2016 तक ग्राम पंचायतों में रहे सरपंचों की सूची तैयार करना आरंभ कर दिया है। विभागीय अधिकारियों ने सभी ग्राम सचिवों से पिछले 22 साल के दौरान गांवों के पूर्व सरपंचों का ब्यौरा मांगा है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जो पंचायतें इस अवधि में नगर निगम, नगर परिषद या पालिका में शामिल हुई हैं उनके सरपंचों को पेंशन देने की जिम्मेदार संबंधित निगम, पालिका या परिषद की होगी और इनका ब्यौरा भी इन्हीं को देना होगा।
पंचायत विभाग के अधिकारी बताते हैं कि राज्य सरकार ने पेंशन योजना से केवल उन पूर्व सरपंचों को जोड़ने का फैसला लिया है जिनका बतौर सरपंच कम से कम तीन साल का कार्यकाल रहा है। इससे कम कार्यकाल के सरपंचों को पेंशन योजना के लाभ का भागी नहीं बनाया गया है।