नूंह/मेवात (निस) : कारगिल विजय की 22वीं वर्षगांठ के मौके पर सेना के वीरों के सहास, त्याग व बलिदान को याद किया गया। हैरत की बात यह है कि कारगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ के मौके पर जिले में कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं हो सका इस मौके पर सामाजिक लोगों ने भारतीय सेना के वीर सैनिकों के अदम्य साहस और उनके दृढ संकल्प की गाथा को याद किया। खासकर जिला से पहली शहादत देने वाले अहमद अली गुढा, नसरूदीन हिंगनपुर की शहादत पर उनकी वीरता को गर्व से याद किया गया।
शहीद अहमद अली की विरांगना हाजरा ने पति लांस नायक शहीद अहमद अली को याद किया। उन्होंने कहा कि उनके पति की शहादत के दौरान की गई घोषणाएं अभी अधर में हैं। उनके पति के नाम से लाइब्रेरी बनाना, गांव गुढी से हसनपुर सड़क का नामकरण एवं बोर्ड उनके पति के नाम पर करना, कब्रिस्तान में उनकी समाधि की व्यवस्था को स्वंय के खर्चे से तैयार करा दिया, लेकिन जर्जर हाल चारदीवारी, कब्रिस्तान पर अतिक्रमण, पानी की व्यवस्था व बच्चियों को सरकारी सेवा में भर्ती के लिए अभी भी वह आस लगाई बैठी हैं।
हिंगनपुर (पुन्हाना) के शहीद नसरूदीन की विरांगना व परिवार के सदस्यों ने भी कारगिल युद्व में शहीद हुए नसरूदीन की शहादत पर गर्व किया है। नूंह और फिरोजपुर झिरका सहित जिले के अन्य इलाकों में कारगिल के शहीदों को याद करते हुए उन्हें नम आंखों से श्रद्धाजंलि दी। भाजपा के जिलाध्यक्ष नरेंद्र पटेल ने कहा देश पर जान न्योछावर करने वाले वीर सैनिकों का सम्मान राष्ट्र का सम्मान है।