चंडीगढ़, 11 सितंबर (ट्रिन्यू)
केंद्र सरकार द्वारा धान की खरीद को लेकर जारी गई नई गाइडलाइंस का हरियाणा में विरोध शुरू हो गया है। नई सीएमआर संशोधन पॉलिसी का विरोध करते हुए हरियाणा के राइस मिल मालिकों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात करके अधिसूचना जारी होने तक पंजीकरण नहीं करवाने का ऐलान किया है। सीएम ने इस बारे में केंद्र को पत्र लिख दिया है।
हरियाणा में 25 सितंबर से धान का सीजन शुरू होने जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा मंडियों की व्यवस्था की जा रही है। धान की खरीद में केंद्र सरकार की एजेंसियों की भूमिका अहम रहती है। प्रदेश राइस मिलर्स एवं डीलर्स एसोसिएशन के प्रधान अमरजीत छाबड़ा की अध्यक्षता में राइस मिलर्स ने सीएम को बताया कि सीएमआर अनुशंसा के मुताबिक भारतीय खाद्य निगम चावल में 20 प्रतिशत टुकड़ा, दो प्रतिशत डैमेज और दो प्रतिशत डिस्कलर की मांग कर रही है। उन्होंने कहा कि इन सिफारिशों पर प्रदेश का कोई भी राइस मिलर्स काम नहीं कर सकता। इन अनुशंसाओं पर धान की खरीद बहुत अधिक प्रभावित होगी। खास बात यह है कि इन अनुशंसाओं में किसी भी स्टेक होल्डर को शामिल नहीं किया गया। मामले में उच्चस्तरीय कमेटी की मांग को लेकर बीते वर्ष भी बैठक में आश्वस्त किया गया था। राइस मिलरों ने धान की ट्रांसपोर्ट में ठेकेदार, व स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत का जिक्र भी किया। जिस पर मुख्यमंत्री ने एसीएस को तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए।