चंडीगढ़, 17 नवंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा में डीएपी खाद की कथित कमी के मुद्दे पर सोमवार को हरियाणा विधानसभा में हंगामा हो सकता है। विपक्षी दलों – कांग्रेस व इनेलो ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई हुई है। हालांकि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी बृहस्पतिवार को राज्यपाल अभिभाषण पर अपने धन्यवाद प्रस्ताव में साफतौर पर कह चुके हैं कि प्रदेश में डीएपी की कमी नहीं है। इस मुद्दे पर सीएम जिला ही नहीं बल्कि हलकावार डीएपी की उपलब्धता और आपूर्ति का डाटा भी सदन में रख चुके हैं।
कांग्रेस व इनेलो की ओर से इस मुद्दे पर विधानसभा सचिवालय में पहले से ही ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिए हुए हैं। स्पीकर हरविंद्र सिंह कल्याण इस मुद्दे पर सदन में चर्चा करवा सकते हैं। स्पीकर अगर अनुमति नहीं भी देंगे तो कांग्रेस व इनेलो विधायकों द्वारा इस मुद्दे को सदन में उठाया जाना तय है। मुख्यमंत्री द्वारा डीएपी की कमी नहीं होने के दावे से विपक्ष संतुष्ट नहीं है। विपक्ष का कहना है कि अगर सरकार में डीएपी की कमी नहीं है तो फिर प्रदेशभर में किसानों की लाइनें क्यों लग रही हैं।
सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे शुरू होगी। इस बार के सत्र में प्रश्नकाल नहीं है। ऐसे में शुरुआती दौर में ही विपक्ष द्वारा किसानों से जुड़ा यह मुद्दा उठाया जाना तय माना जा रहा है। डबवाली से इनेलो विधायक आदित्य देवीलाल चौटाला ने डीएपी खाद की कमी के मुद्दे पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिया हुआ है। नूंह से कांग्रेस विधायक आफताब अहमद, नारनौंद विधायक जस्सी पेटवाड़ और कालांवाली विधायक शीशपाल केहरवाला ने खाद की कमी के मुद्दे पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिए हुए हैं।
स्पीकर हरविंद्र कल्याण ने सभी प्रस्ताव आपस में जोड़ दिए हैं। रानियां से इनेलो विधायक अर्जुन चौटाला ने राज्य में डेंगू के बढ़ रहे मरीजों व सरकार की ओर से बचाव के बंदोबस्त की कमी पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिया है। इन दोनों प्रस्ताव पर विधानसभा में चर्चा के दौरान हंगामा होने के पूरे आसार हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि प्रदेश में खाद की व्यापक कमी बनी हुई है। डीएपी के बाद अगले कुछ दिनों में अब यूरिया खाद की कमी होने वाली है।
उनका कहना है कि सरकार के खाद भरपूर होने के दावों को यदि सही मान भी लिया जाए तो सरकार को यह जवाब देना चाहिये कि फिर लाइनों में खाद प्राप्त करने के लिए खड़े लोग कौन हैं। वहीं मुख्यमंत्री नायब सैनी का कहना है कि विपक्ष अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए डीएपी की कमी की अफवाह फैला रहा है। सच यह है कि इस साल राज्य सरकार ने पिछले साल से भी अधिक डीएपी किसानों को दिलवाई है तथा जितनी भी मांग किसी भी किसान की होगी, उसे जरूर समय रहते पूरा किया जाएगा।
डीएपी को लेकर सरकार ने प्रदेश में 185 जगह छापे मारे हैं। 105 कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। 21 के लाइसेंस निलंबित किए हैं और आठ लाइसेंस रद्द किए जा चुके हैं। सात मामलों में एफआईआर भी दर्ज हुई है और 16 मामलों में बिक्री रोक दी गई है। मुख्यमंत्री के अनुसार, रबी सीजन 2024-25 के दौरान हरियाणा को कुल 11 लाख 20 हजार टन यूरिया आवंटित किया गया है। अभी तक 6 लाख 57 हजार 731 टन यूरिया राज्य में प्राप्त हो चुका है।
ये हैं डीएपी की उपलब्धता के आंकड़े
मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा में पेश किए गए आंकड़ों के हिसाब से पिछले वर्ष 13 नवंबर तक प्रदेश में 1 लाख 62 हजार टन डीएपी की खपत हुई थी। वहीं इस वर्ष इस अवधि में अभी तक 1 लाख 77 हजार टन की खपत हो चुकी है। 15 हजार टन ज्यादा डीएपी सरकार ने किसानों को दी है। 15 नवंबर तक जिलों में 14 हजार 750 टन डीएपी और पहुंचाई जा चुकी थी। भाजपा सरकार ने डीएपी की कालाबाजारी करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।