रादौर (निस)
सैनी समाज की ओर से बुधवार को शहर के खेड़ा मोहल्ला में सावित्री बाई फुले की 193वीं जयंती मनाई गई। प्रधान संदीप सैनी के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने सावित्री बाई फुले के चित्र पर श्रद्धांजलि भेंट की। इस अवसर पर प्रधान संदीप सैनी ने बताया कि देश की पहली महिला शिक्षक, समाज सेविका सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी, 1831 को महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित नायगांव नामक छोटे से गांव में हुआ था। वह भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल और पहले किसान स्कूल की संस्थापिका थी। कार्यक्रम में सावित्री बाई फुले को भारत रत्न अवार्ड देने की मांग की। इस अवसर पर मौर्य महासभा के जिला प्रधान संदीप सैनी व जिला प्रधान सतीश सैनी ने बताया कि जब वह महज 9 वर्ष की थीं तो उनका विवाह 13 साल के ज्योति राव फुले से कर दिया गया था। जिस समय सावित्रीबाई फुले की शादी हुई थी, उस समय वह अनपढ़ थीं। सतीश सैनी ने बताया कि उनके पति तीसरी कक्षा में पढ़ते थे, जिस समय सावित्रीबाई पढ़ने का सपना देख रहीं थी। उस समय दलितों के साथ बहुत भेदभाव होता था। इस अवसर पर अनिल सैनी, बिट्टू सैनी, विक्रम सैनी, नरेंद्र सैनी, रघुवीर सैनी, विजय, सोनू सैनी, संजय सैनी, श्याम सैनी, सतीश सैनी आदि उपस्थित रहे।