चंडीगढ़ , 7 मार्च (ट्रिन्यू)
हरियाणा की आबकारी नीति मई में आएगी। ऐसे में सरकार ने गांवों में शराब में ठेकों का विरोध करने वाले ग्रामीणों से प्रस्ताव भेजने की आखिरी तारीख 15 मार्च तय की है। इस अवधि तक ग्राम सभा प्रस्ताव पास करके डीसी के माध्यम से सरकार को भेज सकेंगी। जिन ग्राम सभाओं के प्रस्ताव आएंगे, उनमें शराब के ठेके सरकार नहीं खोलेगी। आमतौर पर आबकारी वर्ष पहली अप्रैल से 31 मार्च तक रहता है। इस बार कोरोना की वजह से एक्साइज पॉलिसी 20 मई से शुरू हुई थी। ऐसे में यह अवधि बढ़ाई गई है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने इसकी जानकारी दी।
मैंने नहीं बनाई शराब घोटाले की एसआईटी
जहरीली शराब से 47 लोगों की मौत और अवैध शराब तस्करी के मामले को लेकर डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला ने दो-टूक कहा, ‘मेरे विभाग ने ऐसी कोई एसआईटी नहीं बनाई। जिस विभाग ने एसआईटी का गठन किया, इसका जवाब भी वही देंगे। न तो हमसे कोई डाटा मांगा गया और न ही कोई बात हुई’। हालांकि उन्होंने मौजूदा एक्साइज पॉलिसी को प्रदेश की अब तक की सबसे बेहतर पॉलिसी बताते हुए कहा, ‘पिछली तीन तिमाही यानी 9 महीनों में इतना राजस्व मिला है, जितना आज तक की किसी सरकार के समय नहीं आया। उसमें चौ़ भजनलाल, बंसीलाल, हुड्डा, भाजपा के अलावा चौ़ देवीलाल तक की सरकारें शामिल हैं’।
रजिस्ट्री घोटाला : संदेह में 400 अधिकारी
प्रदेश में हुए रजिस्ट्री घोटाले पर दुष्यंत ने कहा, ‘सभी रजिस्टि्रयों में अनियमितता हुई, ऐसा नहीं कहा जा सकता। अर्बन एरिया डेवलपमेंट एक्ट के नियम-7ए के तहत नियमों का पालन नहीं करने के मामले सामने आए हैं। सभी छह मंडलायुक्तों की रिपोर्ट में 400 के लगभग अधिकारियों एवं कर्मचारियों की भूमिका पर संदेह जताया गया है। इनमें रेवन्यू के अलावा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग व शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल हैं। इस मामले की जांच चल रही है। जो भी दोषी मिलेंगे, उन पर कार्रवाई होगी’।
उपचुनावों को लेकर अभी फैसला नहीं : कालका व ऐलनाबाद हलके के उपचुनाव पर दुष्यंत ने कहा कि अभी इस बारे में कोई निर्णय नहीं हुआ है। इतना तय है कि गठबंधन मिलकर चुनाव लड़ेगा। किस सीट पर कौन सीट पार्टी लड़ेगी, इसका फैसला भाजपा व जेजेपी के नेता मिलकर करेंगे। कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत दोनों पार्टियों के चुनावी घोषणा-पत्र में शामिल कई वादों को पूरा किया है।