चंडीगढ़, 23 मार्च (ट्रिन्यू)
प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच सरकार के सामने अब स्कूलों के एग्जाम करवाना सबसे बड़ी चुनौती है। कुल 10 कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाएं 26 मार्च से शुरू होंगी। कोविड-19 को देखते हुए स्कूल शिक्षा निदेशालय ने पहली से आठवीं तथा नौंवीं व 11वीं के विद्यार्थियों की परीक्षाओं के लिए अलग-अलग गाइड लाइन जारी की हैं।
निदेशालय की ओर से सभी जिला शिक्षा व मौलिक शिक्षा अधिकारियों को इस संदर्भ में लिखित में निर्देश जारी किए हैं। साथ ही, सभी परीक्षा केंद्र प्रमुखों व स्कूलों के मुखियाओं के लिए भी हिदायतें जारी की हैं। बड़ी संख्या में प्राइवेट स्कूलों में वार्षिक एग्जाम हो चुके हैं। सरकारी स्कूलों की परीक्षाएं अब शुरू होंगी। कोरोना की वजह से ही इस बार परीक्षाएं भी देरी से हो रही हैं और अगला शैक्षणिक सत्र शुरू होने में भी देरी हो सकती है।
प्रदेश के कई स्कूलों में विद्यार्थी कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं। बड़ी संख्या में शिक्षकों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। ऐसे में सरकार ने कोविड गाइन लाइन का सख्ती से पालन करने के निर्देश सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों व प्रशासन को दिए हैं। संबंधित जिलों के डीसी और उपमंडल में एसडीएम संबंधित शिक्षा अधिकारियों के साथ इन परीक्षाओं को लेकर बैठकें करेंगे तो परीक्षाओं के दौरान कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा न रहे।
ये नियम होंगे लागू
निदेशालय के निर्देशों में साफ कहा गया है कि अगर 9वीं या 11वीं का विद्यार्थी कोरोना पॉजिटिव मिलती है तो उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही स्कूल प्रबंधन अपने स्तर पर बाद में उसकी परीक्षा लेगा। इसी तरह से पहली से आठवीं तक के विद्यार्थी को अगर संक्रमण है तो संबंधित शिक्षक ऐसे बच्चे को स्कूल न बुलाकर ऑनलाइन या फोन के माध्यम से परीक्षा ले सकेगा। गाइड लाइन में यह भी कहा गया है कि 9वीं तथा 11वीं कक्षा के जिन विद्यार्थियों में कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं तो उनके लिए अलग से कमरे की व्यवस्था करके परीक्षा ली जाएगी। ऐसे विद्यार्थियों को एग्जाम सेंटर में बैठाने की दूरी और भी अधिक होगी। पेपर के दौरान किसी को फेस मॉस्क हटाने की इजाजत नहीं होगी।
हसला गाइडलाइंस से खुश नहीं
हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) ने विभाग की गाइड लाइन पर आपत्ति जताई है। कोरोना संक्रमण के लक्षण वाले बच्चों के अलग से एग्जाम सेंटर में पेपर लेने के फैसले से हसला नाराज़ है। हसला के प्रदेश प्रेस सचिव अजीत चंदेलिया का कहना है कि जिन बच्चों में कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं, उनकी परीक्षा को लेकर भी वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए। ऐसे बच्चों की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन अध्यापकों द्वारा किया जाएगा। उत्तर पुस्तिका व प्रश्न-पत्र के माध्यम से शिक्षकों के भी ऐसे बच्चों के संपर्क में आने का खतरा बना रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार इस गाइड लाइन वापस लेकर नये सिरे से निर्देश जारी करे।
12 लाख से अधिक को दिया ‘सुरक्षा चक्र’
हरियाणा में कोरोना के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए सरकार ने भी कमर कस ली है। स्वास्थ्य व गृह मंत्री अनिल विज अभी पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हुए हैं लेकिन उन्होंने पूरी तरह से मोर्चा संभाल लिया है। सोमवार को एक दिन में सर्वाधिक करीब ढाई लाख लोगों को कोरोना के टीके लगे। वहीं मंगलवार को ‘मेगा टीकाकरण दिवस’ के दूसरे दिन 43 हजार 126 लोगों को वैक्सीन दी गई। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में अभी तक 12 लाख से अधिक लोगों को कोरोना की पहली व दूसरी डॉज दी जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन के लिए प्रदेश में कुल 604 टीकाकरण केंद्र स्थापित किए हैं। इनमें 440 सरकार द्वारा संचालित हैं और 164 प्राइवेट अस्पतालों में चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि वैक्सीन की अधिकतम पहुंच सुनिश्चित करने के लिए इन केंद्रों को रणनीतिक रूप से राज्य भर में अत्यधिक आबादी वाले और यहां तक कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्थापित किया गया है। मंगलवार को वैक्सीन लेने वालों में अधिकांश लाभार्थियों की आयु 60 वर्ष से अधिक थी या 45 वर्ष से 60 वर्ष तक की आयु के ऐसे लोग शामिल थे जिन्हें कोई अन्य बीमारी थी।
24 घंटे में 895 मरीज, 3 ने तोड़ा दम
पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में कोरोना के 895 नये पॉजिटिव केस सामने आए हैं। इस अवधि में करनाल, कुरुक्षेत्र व यमुनानगर में महामारी की वजह से 1-1 और व्यक्ति की जान गई है। प्रदेश में पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 2 लाख 81 हजार 700 के करीब पहुंच गया है। 24 घंटों में 441 मरीज ठीक भी हुए हैं।
प्रदेश में अभी ऐसी खतरनाक स्थिति नहीं है। लिहाजा हाल-फिलहाल स्कूल-कॉलेजों को बंद करने का कोई इरादा नहीं है। हरियाणा में सब कुछ ठीक चल रहा है। अप्रैल के आखिर में या मई के शुरू में नई कक्षाओं में दाखिले आरंभ करने की योजना है। इसके बावजूद तब की परिस्थितियों के हिसाब से फैसला लिया जाएगा, लेकिन जिस तरह के हालात नजर आ रहे हैं, उसके मद्देनजर नया शैक्षणिक सत्र पहली जून से ही आरंभ होने के आसार हैं। -कंवर पाल गुर्जर, शिक्षा मंत्री