घरौंडा, 31 अगस्त (निस)
देश की सरहद पर तैनात बसी अकबरपुर के जवान दीवान चंद ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए। दीवान चंद लेह लद्दाख के सियाचिन ग्लेशियर की पोस्ट पर ड्यूटी दे रहा था। ऑक्सीजन लेवल कम होने की वजह से शुक्रवार सुबह अचानक जवान की तबीयत बिगड़ी। साथी जवानों ने उसे बेस कैंप में भर्ती करवाया जहां शुक्रवार देर शाम इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। तीन दिन बाद सोमवार को शहीद जवान का पार्थिव शरीर उसके पैतृक गांव बसी अकबरपुर पहुंचा जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। मुखाग्नि जवान के बड़े भाई ज्ञानचंद ने दी। बसी अकबरपुर निवासी दीवानचंद (45) पुत्र वीरभान सिंह वर्ष 1997 में बरेली में रंगरूट भर्ती हुआ था। करीब डेढ़ वर्ष पहले दीवान चंद की पोस्टिंग लेह सियाचिन में हुई थी। सेना अधिकारियों के मुताबिक, 28 अगस्त की शाम सूबेदार जोगीराम ने शहीद दीवान चंद के स्वजनों को सूचना दी जिसके बाद घर व गांव में मातम छा गया। सोमवार को शहीद का शव घरौंडा पहुंचा तो गाड़ी के आगे व पीछे सैंकड़ों बाइकों का काफिला भारत माता व शहीद दीवान चंद अमर रहे के नारे लगाते हुए चल रहा था। शव गांव में पहुंचा तो नमन करने के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा। शहीद की पत्नी रेशमा, 13 वर्षीय मोहित तथा 10 वर्षीय हिमांशु का रो-रोकर बुरा हाल था।
सेना व पुलिस की ओर से दिया गार्ड ऑफ ऑनर : गांव के श्मशान घाट में अम्बाला से पहुंचे सेना पुलिस के जवानों ने इंस्पेक्टर विक्रम जीत सिंह के नेतृत्व में सेना के जवानों और डीएसपी रामदत्त के नेतृत्व में हरियाणाा पुलिस के जवानों ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। मौके पर पहुंची एसडीएम डॉ. पूजा भारती, डीएसपी रामदत्त, नायब तहसीलदार सुमन लता व कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव विरेंद्र सिंह राठौर व अन्य ने शहीद को नमन किया।