सुभाष पौलस्त्य/निस
पिहोवा, 17 फरवरी
कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भारतभूषण भारती ने कहा कि लुप्त हो चुकी सरस्वती नदी को फिर से धरातल पर लाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
इस पवित्र नदी के किनारे ही संस्कृति का विकास हुआ और वेदों की रचना की गई। इतना ही नहीं, पूरे विश्व को ज्ञान और संस्कार भी इस नदी के तट से दिए गए। इसलिए सरस्वती नदी का बहुत अधिक महत्व है, इस महत्व को जहन में रखकर ही सरकार लगातार अपने अथक प्रयास कर रही है। वे मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव के समापन अवसर पर आयोजित सांध्यकालीन सरस्वती महाआरती के दौरान बोल रहे थे। इससे पहले हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भारतभूषण भारती, हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष प्रशांत भारद्वाज, एसडीएम सोनू राम, अंडर ट्रेनिंग आईएएस वैशाली सिंह सहित अनेक गणमान्य लोगों ने मंत्रोच्चारण और शंखनाद की ध्वनि के बीच महाआरती की। भंडारे के साथ सम्पन्न हुआ सरस्वती प्रकटोत्सव मां सरस्वती युवा संगठन द्वारा मनाया जा रहा सरस्वती प्रकट उत्सव विशाल भण्डारे के साथ सम्पन्न हो गया। जिसमें हजारों लोगों ने प्रशाद ग्रहण किया। जो रात्रि तक चला। देर रात दीपदान किया गया तथा आतिशबाजी की गई। रंगबिरंगी रोशनी से पूरा सरोवर जगमगाता रहा।
आदिबद्री में डैम, बैराज बनाने की तैयारियां पूरी
सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमिच ने कहा कि देश की सबसे प्राचीन एवं पवित्र सरस्वती नदी की जलधारा को धरातल पर लाने के लिए सरकार के सामने बहुत बड़ी चुनौती रही है। अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से आदिबद्री में डैम और बैराज बनाने की तैयारियां पूरी होने जा रही है। इस स्थल पर डैम और बेराज का डिजाइन 31 मार्च 2021 तक तैयार कर लिया जाएगा। इतना ही नहीं, एक माह के अंदर हरियाणा और हिमाचल सरकार के बीच एमओयू पर भी हस्ताक्षर हो जाएंगे।