हिसार, 14 सितंबर (निस)
हिन्दी दिवस पर सोमवार को हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि मुख से उच्चारित होने वाले शब्द दिलो-दिमाग को प्रभावित करते हैं। मनुष्य को वही भाषा बोलनी चाहिए जिस भाषा को वह सोचता है। जामिया मिलिया इस्लामिया के प्रोफेसर कृष्ण कुमार कौशिक मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। कुलसचिव डॉ. अवनीश वर्मा ने कहा कि हिन्दी एकमात्र भाषा है, जो मुख के सभी उच्चारण बिन्दुओं को छू लेती है। मुख्य वक्ता प्रो. कृष्ण कुमार कौशिक ने हिन्दी भाषा की वर्तमान दशा और दिशा पर प्रकाश डाला तथा कहा कि हिन्दी ही भारत को एक सूत्र में पिरोने की क्षमता रखती है।
मन, वचन, कर्म से करें हिन्दी का संवर्धन : प्रो. कुहाड़
नारनौल (निस) : राष्ट्रीय व्यवहार में हिन्दी को काम में लाना देश की एकता और उन्नति के लिए आवश्यक है – महात्मा गांधी के इस कथन के साथ हरियाणा केन्द्रीय विश्वविद्यालय (हकेंवि) के कुलपति प्रो. आरसी कुहाड़ ने हिन्दी-दिवस के मौके पर आयोजित ऑनलाइन व्याख्यान हेतु सम्बोधन की शुरुआत की। कार्यक्रम में विशेषज्ञ वक्ता के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व आचार्य प्रो. राजेन्द्र गौतम व कलकत्ता विश्वविद्यालय के पूर्व आचार्य प्रो. अमरनाथ शर्मा उपस्थित रहे। स्वागत भाषण संयोजक प्रो. रणवीर सिंह ने दिया जबकि धन्यवाद ज्ञापन सहायक आचार्य डॉ. रेनु यादव ने प्रस्तुत किया। संचालन सहायक आचार्य डॉ. शंकर लाल ने किया। उधर पतंजलि युवा भारत हरियाणा द्वारा सोमवार को हिंदी दिवस के अवसर पर ऑनलाइन वेबिनार आयोजित किया गया जिसमें मुख्य वक्ता हरियाणा योग परिषद के अध्यक्ष एवं भारत स्वाभिमान न्यास के मुख्य केंद्रीय प्रभारी डॉ. जयदीप आर्य रहे। राजकीय उच्च विद्यालय ढाणी बाठोठा में भी कार्यक्रम आयोजित किया।
वैश्य कालेज में पूर्व आचार्य किये सम्मानित
भिवानी (हप्र) : वैश्य कालेज द्वारा आज हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में पूर्व हिन्दी आचार्यों का सम्मान समारोह किया गया जिसमें महाविद्यालय ट्रस्ट के अध्यक्ष शिव रतन गुप्ता मुख्यातिथि , महासचिव पवन कुमार तथा प्रबन्ध समिति के कोषाध्यक्ष बृजलाल सर्राफ विशिष्ट अतिथि थे। अध्यक्षता प्राचार्या डॉ. सुधा रानी ने की। कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने ऑनलाइन हिस्सा लिया। डॉ. राधाकृष्ण चंदेल, डॉ. सुधा त्यागी, पूर्व प्राचार्य डॉ. सत्यनारायण शर्मा, डॉ. बुद्धदेव आर्य तथा डॉ. जय प्रकाश शर्मा काे सारस्वत सम्मान से नवाजा।
अंतर्राष्ट्रीय ई-संगोष्ठी संपन्न
जींद (हप्र) : राष्ट्रीय हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में ‘महर्षि दयानंद सरस्वती और आर्यसमाज का हिंदी के प्रचार प्रसार में योगदान’ विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ई-संगोष्ठी का आयोजन किया गया। आयोजक सहदेव समर्पित तथा संयोजक नरेश सिहाग रहे। इसमें देश-विदेश से 200 से ज्यादा शोधार्थियों, अध्यापकों ने शोध पत्र प्रस्तुत किये। काफी संख्या में ऑनलाइन श्रोता थे। मुख्य वक्ता नरेंद्र आहूजा विवेक, स्टेट ड्रग्स कंट्रोलर ने बताया कि स्वामी दयानंद ने अपने सभी ग्रंथों का प्रणयन हिन्दी में किया। आर्यसमाज के सदस्यों के लिये हिन्दी पढ़ना अनिवार्य किया। नारनौंद से शिक्षाविद् सतीश कुमार ने कविता पाठ किया।
गोष्ठी में दी प्रस्तुतियां, कृतियांं लोकार्पित
रेवाड़ी (निस) : हिंदी सेवा समिति के तत्वावधान में हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर सोमवार को महेंद्रगढ़ रोड स्थित जेएनपीपीवाई गार्डन में कवि गोष्ठी तथा पुस्तक लोकार्पण समारोह का आयोजन किया गया। जिसके मुख्यातिथि हास्य कवि हलचल हरियाणवी थे। अध्यक्षता पूर्व जिला न्यायवादी बीडी यादव ने की। संचालन कवि अरविंद भारद्वाज ने किया। यहां वरिष्ठ कवि त्रिलोकचंद फतेहपुर के कविता संग्रह ‘मुझे मंच पर आने दो’ तथा हास्य-कवि राजेश भुलक्कड़ की नई पुस्तक ‘भुलक्कड़ सतसई’ का लोकार्पण किया गया।
ऑनलाइन प्रतियोगिता का आयोजन
कनीना (निस) : एसडी वरिष्ठ माघ्यमिक विद्यालय ककराला में आज हिंदी दिवस के मौके पर ऑनलाइन प्रतियोगता का आयोजन किया गया। विद्यालय निदेशक जगदेव यादव ने कहा कि 14 सितंबर 1949 को हिन्दी को राजभाषा का दर्जा दिया गया। कोरोना काल के अनुभव को लेकर विद्यार्थियों की प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस मौके पर प्राचार्य ओमप्रकाश यादव, सीईओ आरएस यादव व नरेंद्र सिंह हाजिर थे। वहीं गांव बड़वा स्थित टैगोर शिक्षण महाविद्यालय में काव्य पाठन व स्लोगन बनाओ प्रतियोगिता का ऑनलाइन आयोजन किया गया। प्राचार्य डा. वरुण सिंह ने बताया कि काव्य पाठन में वीरमति व स्लोगन बनाओ प्रतियोगिता में प्रियंका, प्रथम रही
विभिन्न कार्यक्रमों में बताया हिन्दी का महत्व
नूंह/मेवात (निस) : जिला में हिन्दी दिवस के मौके पर आयोजित अलग-अलग कार्यक्रमों में इसके महत्व पर प्रकाश डाला गया। वार्ड -14 विशाल भवन तावडू में आयोजित गोष्ठी के दौरान वेदप्रकाश ने कहा कि एक सर्वे के मुताबिक देश के 75 प्रतिशत हिन्दी भाषियों सहित पूरी दुनिया में करीब 80 करोड़ लोग हिन्दी बोल या समझ सकते हैं। आमड़ा के प्रधान सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि हिन्दी हमारी संवेदनाओं को शब्द देती हैं। इस मौके पर गुलशन कुमार, अनिल कुमार व विशाल आदि मौजूद रहे।
भारतीय संस्कृति की आत्मा है हिन्दी : प्रो. रामसजन
रोहतक (हप्र) : अखिल भारतीय साहित्य परिषद रोहतक इकाई द्वारा हिन्दी दिवस के अवसर आयोजित काव्य गोष्ठी में बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति व अखिल भारतीय साहित्य परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष प्रो. रामसजन पाण्डेय ने कहा कि हिन्दी भारतीय संस्कृति की आत्मा है इसलिए हिन्दी के महत्व को समझें व समझाएं। परिषद की रोहतक इकाई के अध्यक्ष डॉ. आशुतोष कौशिक ने सभी का स्वागत किया। डॉ. सुमन राठी ने अपनी रचना हिन्दुस्तान महान है का पाठ किया। महामंत्री डॉ. जगदीश आचार्य ने हिन्दी वतन की शान रचना व डॉ. पूनम शर्मा ने सुरक्षा कविता में मां बेटी के संवाद को काव्य रूप में प्रस्तुत किया। मन्नू शर्मा ने भी अपनी रचना का पाठ किया। डॉ. पारिजात पाण्डेय ने ‘भावों के गतिरोध में क्यों जलते हम प्रतिशोध में’ की प्रस्तुति दी। डॉ. अंजू शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि हिन्दी के विकास में सहयोगी बने। डॉ. जगदीश आचार्य ने आभार व्यक्त किया।
गौड़ ब्राह्मण कॉलेज में काव्य गोष्ठी
रोहतक (हप्र) : गौड़ ब्राह्मण डिग्री कॉलेज में सोमवार को हिंदी दिवस पर हिंदी विभाग द्वारा काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। मुख्यातिथि पंजाब नैशनल बैंक से सेवानिवृत्त अधिकारी एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में प्रदेश व्यस्थता प्रमुख रविंद्र सक्सेना रहे। अध्यक्षता प्राचार्य डॉ़ जयपाल शर्मा ने की। मुख्यातिथि सक्सेना ने कहा कि हिंदी ने हिमालय पर्वत से रामसेतु तक पूरे भारत को एक सूत्र में पिरोया हुआ है। उन्होंने कहा हिंदी जन जन की भाषा है हमें इसको प्रयोग करने में गर्व महसूस करना चाहिए। मंच संचालन डॉ कपिल कौशिक ने किया। वहीं, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) में हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में अधिष्ठाता छात्र कल्याण कार्यालय द्वारा स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर में पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसका शुभारंभ कुलसचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा ने किया।