कुरुक्षेत्र, 1 सितंबर (हप्र)
आज समूचा विश्व पर्यावरण की विकृति से जूझ रहा है। कहीं सुनामी तो कहीं भूकम्प और अब कोविड का प्रकोप है। यह सब पर्यावरण में आये असंतुलन के कारण है। प्रकृति के इस असंतुलन का जिम्मेदार मानव ही है।
यह विचार मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा श्रीमद्भगवदगीता जन्मस्थली ज्योतिसर में मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा आयोजित गीता संवाद कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के प्रणेता प्रसिद्ध विचारक एवं चिंतक केएन गोविन्दाचार्य ने यमुना दर्शन यात्रा एवं प्रकृति केंद्रित विकास पर संवाद यात्रा के ज्योतिसर पहुंचने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता व्यक्त किये। गीता सवांद कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक ब्रह्मचारियों द्वारा गीताज्ञान यज्ञ से हुआ।
गीताज्ञान यज्ञ में उपस्थित सभी लोगों ने अपने जीवन में प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया। गोविन्दाचार्य ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण पर्यावरण के सच्चे हितैषी और संरक्षक थे।
गीता संवाद कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा कि गोविन्दाचार्य द्वारा पर्यावरण एवं प्रकृति केन्द्रित जन चेतना यात्रा आज समय की आवश्यकता है।