नूंह/मेवात,13 अप्रैल (निस)
अनाज मंडियों में गेहूं की बंपर आवक व उठान धीमा होने की वजह से किसान व व्यापारी परेशान हैं। पंजीकृत किसानों को सरकार का सिस्टम व रोजाना तुगलकी फरमान से दिक्कत हो रही है। सरकार को गेहूं बेच चुके किसानों का अभी तक भुगतान तक नहीं हो सका हैं। जिले में अब तक 707751 क्विंटल गेहूं व 152292 क्विंटल सरसों की सोमवार तक आवक हो चुकी है।
भुगतान न होने से परेशान किसानों ने मंगलवार को मार्केट कमेटी तावड़ू के सचिव राजीव सौलंकी से मुलाकात की और गेहूं के भुगतान की बात रखी। उन्होंने कहा कि जिले की मंडियों में गेहूं बेच चुके अधिकांश किसान भुगतान से वंचित हैं। जिसके कारण उन्हें काफी आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जिले का किसान छोटा काश्तकार होने के अलावा बटाई की जमीन पर खेती कर गुजर बसर कर रहा है। इस रमजान का पाक माह भी शुरू हो चुका है लेकिन उपज बेच चुके किसानों का भुगतान न होने से वह परेशान हैं। यदि जल्द से जल्द उन्हें बेची गई फसल का भुगतान हो सके तो उन्हें बहुत सुिवधा होगी।
इस बारे में कार्यवाहक डीएमईओ राजकुमार ने मंगलवार शाम को माना कि गेहूं बिक्री के बाद किसानों का भुगतान न होने की बात उन तक पहुंची है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 72 घण्टे तक भुगतान न होने से ब्याज सहित राशि देने का दावा किया।
‘खुले आसमान के नीचे रखा हैं गेहूं’
बाढड़ा (निस) : बाढड़ा, बेरला, कादमा खरीद केंद्रों पर लगे गेहूं के ढेर और फसल उठान कार्य न होने पर पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रणसिंह मान ने कहा कि सरकार चौबीस घंटे में भुगतान के दावे कर रही है जबकी धरातल में ऐसा नहीं हो रहा। सभी खरीद केंद्रों पर गेहूं आने के बावजूद अभी तक खरीद, उठान कार्य नहीं हुआ। रणसिंह मान ने कहा कि जब उठान कार्य ही नहीं हुआ तो किसानों को भुगतान कब होगा। इस अवसर पर रण सिंह मान ने क्षेत्र का दौरा किया और यह बात कही। उन्होंने कहा कि बाढड़ा क्षेत्र में गेहूं की आवक तेजी से चल रही है लेकिन किसी खरीद केन्द्र पर चार दिन से उठान न हो रही। अब वहां पर गेहूं के ढेर ही नजर आ रहे हैं और लाखों क्विंटल गेहूं खुले आसमान के नीचे रामभरोसे है।
‘धक्के खा रहे किसान’
हिसार (हप्र) : हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व हरियाणा कान्फेड के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने प्रदेश की अनेक मंडियों का दौरा किया और हालात का जायजा लिया। अग्रोहा मंडी में आढ़ती व किसानों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से गेहूं खरीद, उठान व भुगतान में देरी के कारण किसान मंडियों में धक्के खा रहे हैं। मंडियों में सरकार की तरफ से सफाई, तिरपाल, लकड़ी के कैरेट आदि की कोई व्यवस्था नहीं है। पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने व ऑनलाइन फसल बेचने में किसानों को बड़ी भारी दिक्कत आ रही है। अभी तो किसान की गेहूं आनी शुरू ही हुई है उससे पहले ही मंडियां गेहूं से भर चुकी है। सरकार ने अनेकों मंडियों में 24 घंटे के लिए गेहूं खरीद बंद करने से साफ सिद्ध हो जाता है कि सरकार ने खरीद व उठान की व्यवस्था की थी वह फेल सिद्ध हुई है।
‘खाते में पेमेंट आने से किसान खुश’
बाढड़ा (निस) : इनसो के पूर्व हल्का अध्यक्ष विजय श्योराण ने कहा कि डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला जनता से किया हर वायदे को निभाएंगे। अब किसानों के खाते में गेहूं की खरीद की सीधी पेमेंट आने लगी है। किसानों के चेहरे खुश नजर आ रहे हैं। आढ़ती द्वारा जे फार्म काटे जाने के 72 घंटे के बाद ही किसानों के खाते में पेमेंट आ रही है। आज आढ़ती, किसान दोनों गेहूं के सीजन से खुश नजर आ रहे है। विपक्ष के नेता जो कहते थे न मंडी रहेगी न एमएसपी अब वो नेता कहीं दिखाई नहीं दे रहे है। उन्होंने कहा कि जजपा-भाजपा गठबंधन सरकार पूरी तरह जनहितैषी भावनाओं पर खरा उतर रही है। यह बात किसानों, आढ़तियों के समझ में आने लगी है कि उनके नाम पर किसान आंदोलन के नाम पर राजनीतिक की जा रही है।