गुरुग्राम, 27 मई (हप्र)
आबादी के लिहाज से जिले के सबसे बड़े गांव बोहड़ाकलां में कूड़ा निस्तारण के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। यह समस्या अब विकराल रूप धारण कर चुकी है। गांव की आबादी के साथ-साथ आसपास की फैक्टरियों का कूड़ा भी सड़क किनारे फैंककर इसमें आग लगा दी जाती है। इससे उठता धुआं अब गांव के लोगों की सेहत खराब करने लगा है और लोगों को सांस संबंधी परेशानियां होने लगी हैं।
40 हजार की आबादी वाले गांव बोहड़ाकलां में कचरा निस्तारण प्लांट को लेकर अभी तक कोई पहल नहीं की गई है। इसके चलते गांव के लोग मनचाही जगह कूड़ा फैंक देते हैं। सामान्यतः कूड़ा गांव के बाहरी क्षेत्र में सड़क किनारे फैंका जाता है। इससे सड़क के एक तरफ कई किलोमीटर तक कूड़े के ढ़ेर लगे हुए हैं। अब यहां आसपास की फैक्टरियों से निकलने वाला कूड़ा भी फैंका जाने लगा है। दिनों दिन बढ़ते कूड़े के ढेर को कम करने के लिए लोग इसमें आग लगा देते हैं। जिससे निकलने वाला धुआं ग्रामीणों के स्वास्थ्य के लिए तो जहर साबित हो ही रहा है सड़क से निलने वाले वाहन चालक भी इस धुएं की चपेट में आ जाते हैं। नेशनल हाईवे-48 को पटौदी से जोड़ने वाले इस रोड से बड़ी संख्या में हर रोज वाहन निकलते हैं। सामान्यतः हर रोज की धुएं के कारण कोई न कोई वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है। हैरत की बात यह है कि गांव के लोग इसकी शिकायत प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों से लेकर सीएम विंडो आदि भी कर चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
‘समस्या का स्थायी समाधान किया जाये’
गांव के रवि कुमार, जयबीर सिंह, छोटू का कहना है कि धुएं के कारण लोगों का जीना दूभर हो गया है। सारा दिन निकलने वाला धुआं लोगों को बीमार कर रहा है। आसपास के घरों में रहने वाले लोगों की सांस फूलने लगी है तथा इन्हें सांस संबंधी दूसरी परेशानियां भी पेश आने लगी हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि कचरा निस्तारण की ठोस व्यवस्था कर लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा की जाए।