फरीदाबाद, 8 फरवरी (हप्र)
दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे बनाने के लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण एचएसवीपी द्वारा बाईपास किनारे निशानदेही का काम दोबारा शुरू कर दिया गया है। सोमवार को चंदावली पुल के पास से निशानदेही शुरू हुई। यहां अधिकतर जमीन खाली है। कुछ अवैध निर्माण हैं, जिन्हें निशानदेही के बाद तोड़ा जाएगा।
बता दें कि इससे पहले भी एचएसवीपी की ओर से निशानदेही शुरू की गई थी, लेकिन सेक्टर-9 बड़ौली में निर्माणकर्ताओं ने विरोध किया। इससे यहां फिलहाल निशानदेही बाद में की जाएगी। पहले जहां कोई दिक्कत नहीं है, वहां की निशानदेही की जा रही है। हालांकि, अधिकारी दावा कर रहे हैं कि अवैध निर्माणों की वजह से एक्सप्रेस-वे की अलाइमेंट में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। अलाइमेंट का रूट तय जगह पर ही रहेगा। यदि इसमें बदलाव किया गया तो वाहन चालकों के आवागमन में बड़ी परेशानी पैदा होगी। एचएसवीपी अधिकारियों पर बाईपास किनारे अवैध निर्माण तोड़कर जमीन खाली कराने का दबाव लगातार बढ़ रहा है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों से एक्सप्रेस-वे बनाने का ठेका लेने वाली कंपनी कब्जा मुक्त जगह सौंपने की मांग कर चुकी है। एनएचएआइ अधिकारियों को डर है कि कहीं निर्माण कंपनी काम शुरू करने में हो रही देरी का हर्जाना न ठोक दे।
एचएसवीपी प्रशासक प्रदीप दहिया का कहना है कि कब्जा न मिलने से एक्सप्रेस-वे का निर्माण शुरू होने में लगातार देरी हो रही है। निशानदेही से यह पता लगाया जा रहा है कि विभाग की जमीन कहां तक है।
एनएचएआई के परियोजना प्रबंधक धीरज सिंह का कहना है कि एचएसवीपी एक्सप्रेस-वे का निर्माण करने वाली कंपनी तैयार है, लेकिन बाईपास किनारे अवैध निर्माण काफी हैं। इन्हें हटाने के बाद ही काम शुरू हो सकेगा। हम इस विषय को लेकर एचएसवीपी प्रशासक के साथ बैठक करते रहते हैं।