जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 8 मई
इस बार मदर्स डे को लेकर शिक्षा विभाग ने अनोखी पहल की है। योजना के तहत अपनी मां को बच्चे मन के भावों, विचारों और स्वादिष्ट भोजन आदि के बारे एक पत्र लिखेंगे। मां भी इसे पढ़कर बच्चों को लौटाएगी और गुरुजी को भेजेंगी। यही नहीं सोशल मीडिया पर भी शेयर करेंगी। खास बात ये है कि बच्चे अपनी नानी और दादी के नाम भी यह पत्र लिख सकेंगे।
इस बार मदर्स डे 12 मई को पड़ रहा है। आमतौर पर इस दिवस को मात्र औपचारिकता पूरी करने के लिए मना लिया जाता है जिसके कारण बच्चों के मन मस्तिष्क में मां और उनके द्वारा संतान के प्रति किए जा रहे कार्यों के प्रति वह नजरिया गहरे नहीं बन पाता जिसके कारण इस दिवस को मनाया जाता है। अब शिक्षा विभाग के आदेशों के अंतर्गत विद्यार्थी अपनी बड़ी माता यानी दादी या नानी को भी पत्र लिख सकेंगे। तीसरी कक्षा के लिए 60 शब्द यानी 6 पंक्तियां, चौथी कक्षा के लिए 100 शब्द या 10 पंक्तियां और पांचवीं के लिए 130 शब्द और 15 पंक्तियां होंगी। पत्र में विद्यार्थी मन के भावों विचारों को अपनी श्रद्धा प्रकट करने के उद्देश्य से अपनी माता के बारे में उनकी अच्छाइयों, उनके द्वारा किए जाने वाले प्यार, दुलार, पालन पोषण में किए जाने वाले अथक प्रयासों, पढ़ाई-लिखाई और अच्छी आदतें व संस्कार प्रदान करने में की जा रही मदद के बारे में उल्लेख करते हुए आभार प्रकट करेंगे। यही नहीं मां द्वारा बनाए गए स्वादिष्ट भोजन और भ्रमण आदि के बारे में भी लिखेंगे।
इस संदर्भ में शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजा है। विद्यालय में कक्षा अध्यापक इस पत्र लेखन का ड्राफ्ट तैयार कर बच्चों का मार्गदर्शन करेंगे और सभी को लेखन का अभ्यास कराएंगे। गुरुजी यानी टीचर इसके बाद अशुद्धियों की जांच करेंगे और उसके बाद बच्चे इन्हें दुरुस्त कर अपनी मां को सौपेंगे।
हरियाणा के सरकारी स्कूलों में इसे परंपरा से हटकर मनाने का निर्णय लिया गया है। शिक्षा विभाग ने निपुण हरियाणा कार्यक्रम के तहत भाषा के लेखन कौशल विकास के लिए मातृ दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा मां को यह पत्र लिखने को कहा है। इसमें तीसरी से पांचवीं कक्षा तक के विद्यार्थी मदर्स डे के अवसर पर नोटबुक में अपनी मां व दादी को पत्र लिखेंगे और उनकी टिप्पणी के साथ वापस टीचर को देंगे।
-सुधीर कालड़ा, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी अम्बाला