पानीपत, 29 अक्तूबर (एस)
प्रदेश के सबसे पुराने पानीपत सहकारी शुगर मिल के नये पिराई सत्र की शुरुआत की तैयारियां हो चुकी हैं। बृहस्पतिवार को शुगर मिल का ट्रायल सफल रहा। अब प्रदूषण विभाग की टीम को मिल का मुआयना करना है। उसकी क्लीयरेंस मिलते ही मिल का पिराई सत्र शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि, हर बार शुगर मिल का पिराई सत्र नवंबर के मध्य में शुरू होता र्है, लेकिन गन्ना किसानों के हित में इस बार मिल का पिराई सत्र जल्दी शुरू किया जा रहा है। पानीपत जिले में इस बार करीब 50 लाख क्विंटल गन्ना है और पानीपत शुगर मिल की पिराई क्षमता करीब 30 लाख क्विंटल की है। इसमें करीब 5 लाख क्विंटल गन्ना ईंख के बीज आदि में लग जाएगा और करीब 15 लाख सरपल्स गन्ने को महम, गोहाना, भादसो शुगर मिलों में ट्रांसफर किया जाएगा। पिछले साल भी पानीपत जिले से 10 लाख क्विंटल सरपल्स गन्ना दूसरे शुगर मिलों में ट्रांसफर किया गया था। शुगर मिल के एमडी प्रदीप अहलावत ने बताया कि मिल का 2020-21 का पिराई सत्र शुरू करने को लेकर किया गया ट्रायल सफल रहा है। जल्द ही मिल का पिराई सत्र शुरू हो जाएगा।
400 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग
इन्द्री (निस) : स्थानीय सिंचाई विभाग के विश्राम गृह में आयोजित हरियाणा गन्ना किसान संघर्ष समिति की बैठक में समिति का विस्तार करते हुए किसान नेता रामपाल चहल को प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष व तेजपाल बरसालू को उपाध्यक्ष बनाया गया। समिति के प्रदेश अध्यक्ष विनोद राणा अंबाला व प्रदेश महासचिव भुवनेश ने नवनियुक्त पदाधिकारियों का स्वागत किया। बैठक में बढ़ती महंगाई और गन्ने की फसल की बढ़ती लागत के चलते गन्ने का भाव 400 रुपये प्रति क्विंटल करने की जोरदार मांग उठाई गई। बैठक के बाद प्रदेश किसानों का प्रतिनिधिमंडल एसडीएम कार्यालय पर पहुंचा और एसडीएम की मार्फत सीएम के नाम ज्ञापन तहसीलदार दर्पण कांबोज को सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई कि गन्ने के दाम बढाए जाएं क्योंकि आज के समय में गन्ने की लेबर व फसल पर खर्च बढ़ गया है। शुगर मिलों में किसानों की पेमेंट 14 दिन के अंदर दिलवाई जाए। प्रदेशाध्यक्ष विनोद राणा ने कहा कि हरियाणा प्रदेश की तीनों प्राइवेट मिल यमुनानगर, नारायणगढ़ व भादसों की पिराई प्रशासन की निगरानी में करें ताकि कोई भी शुगर मिल घाटा दिखाकर किसानों को पेमेंट देने में परेशान न कर सके। निर्माणाधीन शुगर मिल करनाल व पानीपत को मार्च तक चलवाया जाए।