चंडीगढ़, 17 सितंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की भर्तियों के लिए होने वाली संयुक्त पात्रता परीक्षा (सीईटी) की पाॅलिसी पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी मुहर लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि यह पालिसी नियमों के अनुसार बनी है और इसके आधार पर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग अपनी भर्ती प्रक्रियाओं को आगे भी जारी रख सकेगा।
कर्मचारी चयन आयोग की ओर से अभी तक करीब 29 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया को इस पालिसी के तहत पूरा किया जा चुका है और करीब चार से पांच हजार पदों पर भर्ती की प्रक्रिया अभी चल रही है।
सुप्रीम कोर्ट में कुछ उम्मीदवारों ने संयुक्त पात्रता परीक्षा (सीईटी) पालिसी के खंड नौ (आई) को चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि एक पद के लिए चार गुणा उम्मीदवार ग्रुप के अनुसार बुलाए जाएं, जबकि कर्मचारी चयन आयोग कैटेगरी के अनुसार अभ्यर्थियों को परीक्षा के लिए बुलाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह याचिका दायर करने वालों को यह कहकर हाई कोर्ट जाने की सलाह दी थी कि पहले वे अपनी बात हाई कोर्ट में रखें। हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा याचिका लौटा दिए जाने के बाद कुछ उम्मीदवारों ने इस पालिसी को हाई कोर्ट में चैलेंज किया, लेकिन हाई कोर्ट ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की इस पालिसी को ठीक मानते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, जिस पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर मुहर लगाते हुए याचिका को खारिज कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा की सीईटी पालिसी को पूर्णतयाः सही माना है एवं इस संदर्भ में कहा है कि संजीव कुमार बनाम हरियाणा सरकार एवं अन्य के इस केस में कोई आधार नहीं है। इसलिए कर्मचारी चयन आयोग अपनी भर्ती प्रक्रिया जारी रख सकता है।
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की इस पालिसी के तहत कर्मचारी चयन आयोग की तरफ से नौ परीक्षाएं ली जा चुकी हैं, जिनमें करीब 90 हजार युवा शामिल हुए थे। इस श्रेणी के करीब 33 हजार पदों में से 29 हजार पर भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जबकि चार हजार पर जारी है।