जगाधरी, 11 अक्तूबर (निस)
रविवार को प्राचीन सूर्यकुंड मंदिर अमादलपुर के महंत स्वामी अखिलानंद का शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। हजारों श्रद्धालुओं ने सामाजिक दूरी का ख्याल रखते स्वामी जी के अंतिम दर्शन किए। मुख्य शिष्य आचार्य अतुल कृष्ण ने चिता को मुखग्नि दी।
स्व. अखिलानंद को जगद् गुरु शंकराचार्य राज राजेश्वराश्रम ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि उनकी कमी हमेश खलेगी। शंकराचार्य ने कहा कि स्वामी स्व. अखिलानंद महाराज के उत्तराधिकारी का निर्णय तेरहवीं रस्म के बाद सभी से मंत्रणा कर लिया जाएगा।
इस अवसर पर सतपाल कौशिक, पूर्व चेयरमैन मोहन जयरामपुर, एडवोकेट संजीव भूखड़ी, पूर्व चेयरमैन नंद कुमार कंबोज, रामधन दसौरा, पूर्व सरपंच राजेंद्र अमादलपुर, राजेश राणा बंटी, सुखबीर राणा अमादलपुर, जगबीर बबलू खदरी, रमेश गुर्जर मेहरमाजरा, सरपंच जसबीर मेहरमाजरा, संजय चतुर्वेदी, सुरेश पंडित, मोहन लाल, एसएचओ बूडिया लज्जाराम, संत समाज आदि भी मौजूद रहे।