सुरेंद्र मेहता/हप्र
यमुनानगर, 31 जुलाई
हल्दी के प्रोसैसिंग प्लांट को करनाल जिले के तरावड़ी मेें शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है। सरकार के फैसले का क्षेत्र के किसान विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि हल्दी की खेती यमुनानगर और आसपास के क्षेत्र में होती है, करनाल में इसकी खेती नहीं होती। इसलिए वहां शिफ्ट न किया जाये।
किसान नेता सतपाल कौशिक ने मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री व अतिरिक्त मुख्य सचिव, कृषि व सहकारी विभाग को पत्र लिखा और बताया कि रादौर में करोड़ों रुपये खर्च करके हल्दी का प्रोसेसिंग प्लांट लगाया था। प्लांट वर्षों तक चलता रहा, होर्टिकल्चर विभाग ने करोड़ों रुपये खर्च करके किसानों को हल्दी के बीज भी उपलब्ध कराये थे। कुछ वर्ष पहले सरकार ने इस प्लांट को बंद कर दिया है। अब इसे करनाल शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है। पत्र में कहा कि यह फैसला किसान विरोधी व अज्ञानता का परिचायक है। हल्दी की खेती यमुनानगर, अम्बाला, पंचकूला के आसपास के क्षेत्र में ही हो सकती है, तरावड़ी में नहीं। यमुनानगर, अम्बाला व पंचकूला में हजारों हेक्टेयर में एग्रोफारेस्टरी की खेती हजारों एकड़ में की जाती है। एग्रोफोरेस्टरी जिन खेतों में की जा रही है उनमें हल्दी के अलावा दूसरी फसल इन्टरक्रापिंग के रूप में नहीं की जा सकती है। इसलिए इस वहां शिफ्ट न किया जाये।